जबलपुर प्रशासन की चूक की वजह से नगर निगम जबलपुर में ओबीसी आरक्षण आज फिर से होगा। एससी-एसटी सीटों को छोड़कर सभी सीटों में पहले ओबीसी का आरक्षण होगा। इसके बाद बचे हुए वार्डों में सामान्य महिला की सीट आरक्षित होगी। आरक्षण प्रक्रिया में बस ये सावधानी रखनी है कि पिछली बार आरक्षित वार्ड उसी श्रेणी में फिर से आरक्षित न हो। दरअसल प्रशासन ने 25 मई को 20 मई के सर्कुलर के आधार पर आरक्षण की प्रक्रिया संपन्न करा दी थी। ओबीसी की एक सीट बढ़ने की वजह से अनारक्षित और चक्रानुक्रम के अनुसार 13 सामान्य वार्डों में से एक वार्ड की पर्ची निकाल कर ओबीसी आरक्षण कर दिया गया था। जबकि 21 मई को मप्र शासन ने संशोधित परिपत्र जारी किया था। इस पत्र के मुताबिक एससी-एसटी के लिए आरक्षित सीटों को छोड़कर शेष सभी सीटों में कम या ज्यादा ओबीसी सीटों का नए सिरे से निर्धारण करना था।
प्रशासन ने 21 मई के सर्कुलर आदेश को देखा ही नहीं। पर पुष्पक नगर निवासी विशाल यादव ने इस चूक को रेखांकित करते हुए और शासन के दोनों सर्कुलरों का हवाला देते हुए कलेक्टर और राज्य निर्वाचन आयोग से आरक्षण की प्रक्रिया पर आपत्ति दर्ज कराई थी। यहीं नहीं कांग्रेस ने उसी दिन आरक्षण की प्रक्रिया पर ये कहते हुए आपत्ति दर्ज कराई थी कि मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को विधिवत आरक्षण प्रक्रिया की सूचना नहीं दी गई। विशाल यादव की आपत्ति के बाद प्रशासन को चूक का अहसास हुआ। इसके बाद नए सिरे से ओबीसी आरक्षण कराने का र्निणय लिया गया। अब एससी-एसटी के 15 वार्डों को छोड़कर 64 वार्डों में रोटेशन प्रक्रिया का पालन करते हुए 21 ओबीसी वार्डों का चयन होगा। वहीं बची हुई 43 सीटों में रोटेशन के आधार पर अनारक्षित महिला सीटों का चयन होगा। इसके लिए सभी वार्डों का नाम अलग-अलग पर्ची पर लिखकर डिब्बे में डाला जाएगा। फिर एक-एक पर्ची निकाल कर चयन होगा।