जबलपुर । श्री शिवमहापुराण के मुख्य यजमान एवं आयोजक पं. पुरूषोत्तम तिवारी एवं श्रीमती अर्चना तिवारी ने पत्रकार वार्ता में बताया कि सनातन धर्म के ध्वजवाहक ख्यातीलब्ध कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा सीहोर वालों की श्री शिवमहापुराण कथा का आयोजन 01 जून से 07 जून 2023 तक आयुर्वेदिक काॅलेज मैदान ग्वारीघाट जबलपुर में आयोजन की तैयारी विगत एक वर्ष से भी अधिक समय से जबलपुर में की जारी रही है। आयोजन से संबंधित पहली बैठक नरसिंह मंदिर प्रांगण में मई माह 2022 में आयोजित की गई थी और उसका प्रचार – प्रसार समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया के माध्यम से जनमानस में आयोजन की जानकारी प्रसारित की गई थी। आयोजन को लेकर विगत छह माह से नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार बैठकों का क्रम जारी है। पं. प्रदीप मिश्रा सीहोर वालों की कथा का आयोजन जबलपुर में करने के लिए दो वर्ष पूर्व समय निर्धारित हुआ था।
जबलपुर में आयोजन को आयोजित करने के लिए मुख्य यजमान होने के नाते व्यवस्थाओं को अंतिम स्वरूप प्रदान किया जा चुका है। तथा जबलपुर में आयोजन को लेकर जबलपुर के तत्कालीन संभागायुक्त वर्तमान जिला कलेक्टर सौरभ सुमन तथा तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा से लगातार व्यक्तिगत रूप से मिलकर आयोजन के संबंध में अनुमति प्रदान किये जाने का आग्रह लिखित रूप से किया जाता रहा है।
जबलपुर कलेक्टर से तीन बार व्यक्तिगत रूप से एवं शिवभक्तों के प्रतिनिधी मण्डल के साथ आयोजन के संबंध में उनके कार्यालय में पंहुचकर चर्चा की गई किन्तु जबलपुर कलेक्टर द्वारा जबलपुर में शिवमहापुराण कराने के संबंध कोई सकारात्मक रूख नही अपनाया गया। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा से चर्चा करने हेतु जबलपुर के धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों के प्रतिनिधि मण्डल ने मुलाकात की तब उनका आयोजन के प्रति सकारात्मक रवैया था उन्होने प्रतिनिधी मण्डल के सामने ही अपने अधीनस्त अधिकारियों को आयोजन के क्रियान्वयन के संबंध में निर्देश प्रदान कर आयोजन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए प्रतिनिधी मण्डल मंे श्याम साहनी, रामजी अग्रवाल, मुकेश वाहने, नीतेश अग्रवाल, शरद काबरा, श्राीमती एकता गोस्वामी, तल्लीन सिंह बाबा आदि सम्मिलित थे। जबलपुर कलेक्टर के द्वारा आज दिनाँक तक आयोजन के संबंध में न ही कोई विस्तार से चर्चा की गई और न ही आयोजन के संबंध में आयोजन न हो सकने की सूचना भी प्रेषित नही की है। जिससे आयोजन को कर पाना संभव नही हो पा रहा है। जबलपुर संस्कारधानी और जबलपुर में धार्मिक आयोजन नही होंगे तो फिर धार्मिक आयोजन कहां होंगे। पं. प्रदीप मिश्राा सीहोर वालों की ख्याती ओर उनके उपायांे से सामान्य जनमानस प्रभावित है। तथा घर-घर में भगवान शिव की आराधना करने वाले शिवभक्त बड़े लम्बे समय से जबलपुर में श्राी शिवमहापुराण कथा सुनने लिए आतुर है। और शिवमहापुराण कथा सुनने के लिए दो से तीन वर्षो ं के बाद समय मिलता है। जबलपुर में शिवमहापुराण कथा आयोजन के लिए पुराणों में उल्लेखित कथनों के अनुसार माँ नर्मदातट पर श्राी शिवमहापुराण कथा सुनने का धार्मिक महत्व है। माँ नर्मदातट पर श्राी शिवमहापुराण कथा को श्रावण करने से अनैकों पुण्य लाभ प्राप्त होते हंै। इसलिए जबलपुर के सबसे बड़े मैदान आयुर्वेदिक काॅलेज मैदान जिसमें प्रशासन द्वारा पंजाबी दशहरा का आयोजन किया जाता है। आयोजन स्थल ग्वारीघाट से रामपुर एवं ग्वारीघाट से बायपास भटोली होकर बायपास तथा गवारीघाट से बिलहरी मार्ग जिडोस काॅलेज मार्ग पर लगभग 100 एकड़ की पार्किंग की व्यवस्था 33 स्थानों पर प्रस्तावित की गई है। जिससे आने भक्तजनों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। पं. प्रदीप मिश्राा सीहोर वालों की कथा में आने वाले भक्तों की संख्या को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा विगत छः माह से कोई तैयारी आज तक नही की गई। और न ही जिला प्रशासन के पास इस भव्य आयोजन को लेकर कोई कार्य योजना नही हैं। जिला प्रशासन की अक्षमता के कारण भगवान शिव के उपासक एवं शिवभक्त जबलपुर में शिवमहापुराण सुनने से वंचित हो रहे हैं। महाकौशल और विन्ध्य में श्राी शिवमहापुराण कथा जबलपुर में पहली बार आयोजित हो रही थी। जिसको जिला प्रशासन के असहयोग के कारण आयोजन न होने से शिवभक्तों में आक्रोश व्याप्त है। शिवभक्त आगामी रणनीति पर विचार कर शीघ्र ही हिन्दु धर्म के विशाल आयोजन को लेकर जिला प्रशासन के रवैये के प्रति शिवभक्त आगामी रणनीति पर विचार करेंगे। तथा हिन्दु धर्म के इस विशाल आयोजन के प्रति जिला प्रशासन के रवैये की शिवभक्त निंदा करते हैं।