शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा वर्ग-3 का वायरल पर्चा सरकार के गले की फांस बन गया। 25 मार्च को परीक्षा के आखिरी दिन पेपर का स्क्रीनशॉट बाहर आने के बाद सरकार खुद को बचाने की कोशिश में जुट गई है। जांच शुरू होने से शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार कह चुके हैं कि परीक्षा रद्द नहीं होगी। जांच के दौरान सागर में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे के कॉलेज का नाम आते ही गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा उनके बचाव में सामने आ गए। कहा कि जिस कॉलेज से पर्चा लीक होने की बात सामने आ रही है, उसे कंपनी ने किराए पर लिया था। मंत्रियों की ये हड़बड़ी ही बयां कर रही है कि परीक्षा में धांधली तो हुई है।
PEB के तर्क और उठते सवाल…
1. ये प्रश्न पत्र की फोटो नहीं है, बल्कि स्क्रीनशॉट है।
सवाल: वो बाहर कैसे आया?
2. तो क्या पेपर के स्क्रीनशॉट लिए जा सकते हैं?
सवाल- एग्जाम सेंटर से स्क्रीनशॉट बाहर आया मतलब भीतर मोबाइल था, वो किसका था?
3. एग्जाम सेंटर से पर्चे का स्क्रीनशॉट बाहर किसने भेजा?
सवाल- जब वहां जैमर लगे थे तो ये बाहर कैसे आया?
4. सरकार कह रही है कि परीक्षा के एक दिन बाद 26 तारीख को स्क्रीनशॉट बाहर आया।
शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग-3 के पेपर लीक होने के आरोपों के बाद जांच से पहले ही स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने ये बयान दिया कि परीक्षा रद्द नहीं होगी। परमार को जांच से पहले ये मालूम कैसे चला कि पेपर लीक नहीं है। सागर में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के कॉलेज से पर्चा लीक की बात जांच में सामने आई तो गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र ने सफाई दे दी? गृहमंत्री को कैसे मालूम कि इसमें मंत्री की कोई भूमिका नहीं है। PEB बार-बार क्यों दोहरा रहा है कि ये लीक नहीं है, जबकि अभी जांच पूरी नहीं हुई है।
MAPIT के अधिकारी पर्चा लीक की जांच कर रहे हैं। सागर के कॉलेज से बरामद वो कम्प्यूटर, लॉगबुक और परीक्षा केंद्र के सीसीटीवी MAPIT को हैंडओवर कर दिए गए हैं। जांच अधिकारी इस बात का अध्ययन कर रहे हैं कि आखिर स्क्रीनशॉट कैसे बाहर आया? इसका क्या मकसद था?