विदेशी कोयले के यूज से बिजली और महंगी होगी। पावर प्लांट में 10% विदेशी कोयला मिलाने की परमिशन से प्रति यूनिट बिजली उत्पादन की लागत लगभग 75 पैसे तक बढ़ जाएगी। इसमें ट्रांसमिशन लॉस और वितरण कंपनियों का लॉस भी जोड़ लें तो घरों तक पहुंचने वाली बिजली का रेट 1 रुपए महंगा हो जाएगा। देसी कोयला दो से ढाई रुपए प्रति किलो की दर पर पड़ता है, जबकि विदेशी कोयला 16 रुपए प्रति किलो की दर से पड़ता है। कीमतों में 8 गुना अंतर होने का सीधा प्रभाव आम लोगों की जेब पर पड़ेगा। यानी इसकी भरपाई बिजली की दर बढ़ाकर होगी।