कांग्रेस ने मुकुल वासनिक को मध्यप्रदेश के प्रभारी महासचिव पद से हटा दिया है। उनके स्थान पर जेपी अग्रवाल को मध्यप्रदेश का नया प्रभारी महासचिव बनाया गया है। अग्रवाल को गुरुवार को यह प्रभार तत्काल प्रभाव से दिया गया है। इसके पीछे कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा से पहले इस परिवर्तन को भी अहम माना जा रहा है। इससे पहले दिल्ली की कांग्रेस नेता रागिनी नायक को भी भारत जोड़ो यात्रा के लिए मध्यप्रदेश का समन्वयक बनाया है।मुकुल वासनिक को अब मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी नहीं रहे। उनसे ये जिम्मेदारी पार्टी ने वापस ले ली है। जयप्रकाश अग्रवाल को ये जिम्मेदारी दी गई है। बताया जा रहा है कि ये परिवर्तन मुकुल वासनिक के अनुरोध पर किया गया है। बता दें कि आज कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने इस संबंध में पत्र जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि माननीय कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी के महासचिव मुकुल वासनिक को मध्य प्रदेश के प्रभारी के रूप में उनकी वर्तमान जिम्मेदारी से मुक्त करने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है, ताकि वे अन्य संगठनात्मक मामलों की देखरेख कर सकें। साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष के आदेश पर तत्काल प्रभाव से जयप्रकाश अग्रवाल को एमपी का प्रभारी नियुक्त किया है। मुकुल वासनिक एआईसीसी के महासचिव बने रहेंगे। एमपी के प्रभारी महासचिव के रूप में उनके योगदान की पार्टी सराहना करती है,
भारत जोड़ो यात्रा से पहले मध्यप्रदेश के प्रभारी बदलने का कांग्रेस ने बड़ा फैसला लिया है। हालांकि नियुक्ति आदेश में कांग्रेस ने कहा है कि मुकुल वासनिक के आग्रह पर उन्होंने वर्तमान जिम्मेदारी से मुक्त किया गया है। राजनीतिक गलियारों में तत्काल प्रभाव से जयप्रकाश अग्रवाल की नियुक्ति को अहम माना जा रहा है।
कांग्रेस के संगठन प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि वासनिक ने खुद इस जवाबदारी से मुक्त होने का आग्रह किया था। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि वासनिक प्रभारी महासचिव बनने के बाद से ही मध्यप्रदेश में सक्रिय दिखाई नहीं दिए। यही कारण है कि पार्टी को दीपक बावरिया और मोहन प्रकाश को सक्रिय करना पड़ा था। अब यह दोनों प्रदेश में काफी सक्रिय रहे और दोनों ने लगभग पूरे प्रदेश का दौरा किया। मध्यप्रदेश में कांग्रेस को मिली जीत के पीछे भी इन दो प्रभारियों का योगदान माना जाता है। इनके स्थान पर आए मुकुल वासनिक सक्रिय रूप से दिखाई नहीं दिए। शायद यही कारण रहा है कि उन्हें हटाकर तत्काल प्रभाव से जेपी अग्रवाल को प्रभारी बनाया गया है, आपको बता दें,दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट से चार बार सांसद रह चुके जय प्रकाश अग्रवाल दिल्ली के धुरंधर नेता माने जाते हैं। जेपी अग्रवाल की राजनीतिक पारी की शुरुआत 1973 में हुई थी। वे दिल्ली यूथ कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष बनाए गए थे। इसके बाद 1983-84 में वे दिल्ली के डिप्टी मेयर भी रह चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मौत के बाद एकाएक देशभर में कांग्रेस के समर्थन में उठी लहर के दौरान 1984 में जेपी अग्रवाल पहली बार लोकसभा के सांसद बने थे। इसके बाद 1989 में और फिर 1996 में भी सांसद बने। 2006 में राज्यसभा सांसद बनाए गए। इसके बाद दिल्ली की शीला दीक्षित के वक्त जेपी अग्रवाल दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने थे। जेपी 2009 में फिर सांसद बने थे। 2-14 में वे भाजपा के मनोज तिवारी से हार गए थे।