जबलपुर के न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी प्राइवेट हॉस्पिटल अग्निकांड की जांच को लेकर कई सवाल सुलग रहे है। आम जनता से लेकर कई संगठनों ने मौत के लिए दोषी इस अस्पताल पर बुलडोजर चलाने की मांग की है। अस्पताल संचालकों की एक क्लीनिक पर कुछ लोगों ने तोड़फोड़ भी की। वही नींद से जागे स्वास्थ्य महकमे ने फायर एनओसी और अन्य मापदंडों को पूरा न करने वाले 12 प्राइवेट अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त कर दिए, आपको बता दे जिंदगी बचाने वाली जगहों पर मौत बाट रहे ऐसे अस्पतालों पर लगाम लगाने जब चारों तरफ से आवाज उठी तो प्रशासन को भी हरकत में आना ही पड़ा। दफ्तरों में बैठकर अभी तक अस्पतालों के मापदंडों की फाइलें निपटाने वालों को भी बाहर निकालना ही पड़ा। इसके पीछे की वजह प्रदेश के मुखिया सीएम शिवराज सिंह के सख्त आदेश कहे जा सकते है, जिसके बाद कार्रवाई हो रही है वही मापदंडों को पूरा न करने वाले अस्पतालों को धंधा करने की खुली छूट मिली हुई थी। रिकॉर्ड खंगालने के बाद शुरुआत में फायर NOC और कई शर्तों को पूरा न करने वाले 12 प्राइवेट अस्पतालों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए है इन निजी अस्पतालों में जगदीश चिल्ड्रल हॉस्पिटल, जीवन ज्योति हॉस्पिटल (डॉ. ए.के.जैन), डॉ. कावेरी शॉ विजया वूमेन क्लीनिक एण्ड हॉस्पिटल, प्राची नर्सिंग होम, कुमार हॉस्पिटल (डॉ. कपिल कुमार ), स्टाफ हॉस्पिटल, निर्मल हॉस्पिटल, शाफिया हॉस्पिटल, अभिनंदन हॉस्पिटल, आदर्श हॉस्पिटल, कामाख्या हॉस्पिटल एवं सरकार हॉस्पिटल शामिल है आपको बता दे भीषण अग्निकांड और उसमें हुई 8 मौतों के आरोपी न्यू लाईफ मल्टी स्पेशलिटी प्राइवेट हॉस्पिटल के एक संचालक डॉ. संतोष सोनी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह आरोपी घटना के बाद उमरिया भाग गया था और एक रिसॉर्ट में फरारी काट रहा था,जिसे पुलिस ने धार दबोच लिया, इसके अलावा अन्य तीन संचालक फरार है, पुलिस दावा कर रही है कि उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।