9 और 10 अक्टूबर 2:30 बजे किशनगढ़ किशनगढ़ दिल्ली में एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ उस रात निखिलेश वर्मा का पूरा परिवार पत्नी सिया बेटी नेहा और बेटा सूरज रात 12:30 बजे तक टीवी देख रही थी सबको नींद आ रही थी लेकिन सूरज की आंखों में जैसे नींद गायब हो गई थी मानव से किसी चीज का इंतजार था मां सोने जा रही थी उसने मां से एक सेब मांगा और मां से देकर अपने कमरे में सोने चली गई बहन भी दूसरे कमरे में सोने चली गई मगर सूरज जाग रहा था सेब खाने के बाद उसने अलमारी से पुराना एल्बम निकाला और एक तस्वीर गौर से देखने लगा अगल बगल मम्मी पापा और बीच में बहन और वह पीछे खड़ा हुआ था एल्बम देखते देखते रात के 3:00 बजते ही वह ऐसे उठा जैसे मानो कोई आने वाला हो लेकिन कोई नहीं आने वाला था दरअसल वह अपने परिवार को सजा देना चाहता था बेड के नीचे जहां उसने दिल्ली के ही महरौली से ₹400 में खरीदी चाकू और कैंची छुपा रखी थी उन्हें निकाला और सीधे उस कमरे में दाखिल हुआ जहां पापा और मम्मी गहरी नींद में सो रहे थे
मौसम ठंडा था इसलिए दोनों ने चादर ओढ़ रखी थी सूरज ने चादर के ऊपर से ही अपने पिता के पेट में ताबड़तोड़ चाकू से वार पति की चीज सुनते ही पत्नी सिया की आंख खुली तो उन्होंने देखा कि उनका अपना बेटा हाथों में चाकू लिए अपने पिता को लिखिए जा रहा है मां ने रोकने की कोशिश की तो सूरज ने पिता को छोड़ना पर हमला कर दिया मां खुद को संभाल थी उससे पहले ही बहन नेहा जाग गई उसने शोर मचाना चाहा तो सूरज ने मां को छोड़कर अपनी बहन का गला रेता और चाकू से तब तक गोदा जब तक वह बेसुध नहीं हो गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आया कि बहन पर चाकू से 7 वार किए गए थे लेकिन पहले से जख्मी माने जब यह देखा तो वह अपनी बेटी को बचाने आगे बढ़ी तब बहन को छोड़ सूरज ने अपनी मां को चाकू से 17 बार गोद डालापूरे परिवार को मार चुके सूरज नहीं फिर से अपने परिवार पर कैंची से भी कई बार किए ताकि बचने की कोई गुंजाइश ना रहे मम्मी पापा और बहन को मारने वाला सूरज इन तीनों राशियों के साथ घर पर ही था और षड्यंत्र रच रहा था कि हत्या की इस वारदात को वह कैसे लूटपाट का मामला बता सके इसलिए धीरे-धीरे सारे सबूत मिटाने शुरू किए और चाकू को दो या फिर बेड के नीचे छुपा दिया पूरा सामान बिखेर दिया जब सूरज को लगा कि अब लूटपाट की घटना लग रही है तो उसने खुद को बचाने खुद पर भी कुछ वार किए फिर सुबह 5:00 बजे उसे घर के बाहर किराएदार दिखे उसने चिल्लाना शुरू कर दिया कि घर में चोरी हो गई है और सब को मार दिया गया घर के ट्रिपल मर्डर की बात सुनते ही किराएदार ने पुलिस को सूचना दी पुलिस जैसे ही पहुंची घर का माहौल देखकर सन्न रह गई घर में तीन लाशें खून से लथपथ पड़ी थी कई दिनों से गुस्से की आग में जल रहे सूरज के रूप में घटना की आहट घर में गूंज रही थी लेकिन तीनों में से किसी ने,नहीं पहचाना नशे के आदि बेटे को किसी ने प्यार से समझाया तो किसी ने घर के दरवाजे पर ताला लगाना शुरू कर दिया और तभी बेटे ने बाप की टोका टाकी का बदला लेने के लिए परिवार में हर एक को मौत के घाट उतार दिया
सूरज नशे का आदी था और गलत संगत में भी पड़ा हुआ था और शराब के अलावा और भी तरह के नशे किया करता था मां-बाप उसे सुधारना चाहते थे बस यही से सूरज ने इस घटना को अंजाम देने की ठान ली और 9 से 10 अक्टूबर की दरमियानी रात घटना को अंजाम दे दिया सूरज को पुलिस ने पकड़ लिया है और वह अभी जेल में है।
कलयुगी बेटे ने अपने ही परिवार को उतारा मौत के घाट
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