राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 3 जून को कानपुर देहात जिले के अपने पैतृक गांव परौंख आ रहे हैं। उनके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आ सकते हैं। राष्ट्रपति के गांव में तैयारियां जोरों पर हैं। 10 किलोमीटर तक सड़कें चमका दी गई हैं। 100 से ज्यादा पेड़ों और खंभों को तिरंगे का रूप दिया गया है। स्कूल और सरकारी भवनों पर पेंटिंग की गई है। 6 हेलीपैड भी तैयार किए गए हैं। पूरे गांव में उत्सव जैसा माहौल है। उनका गांव मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर दूर है। मुख्य मार्ग से गांव तक पहुंचने के लिए एक संकरी, पर पक्की सड़क जाती है जो कच्चे घरों और कुछ पक्के मकानों के बीच से निकलती है। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति कार्यकाल का यह अंतिम दौरा है। जिला प्रशासन इसे यादगार बनाने में लगा है।
राष्ट्रपति के पैतृक गांव में पड़ने वाले पेड़ों और बिजली के खंभों का रंगरोगन किया जा रहा है। पेड़ों और बिजली के खंभों को तिरंगे का स्वरूप दिया जा रहा है। पूरे गांव की दीवारों पर देश प्रेम से जुड़े स्लोगन लिखे जा रहे हैं। तालाबों के स्वरूप को बदलने को लेकर तालाब के आसपास सुंदरीकरण का काम चल रहा है। आसपास हरे भरे पेड़ लगा दिए गए हैं। तालाबों के पास टहलने की व्यवस्था भी की जा रही है, जिससे कि ग्रामीण आराम से सुबह व शाम टहल भी सकें।
गांव में कुछ ऐसा है माहौल
- स्कूलों की दीवारों पर आकर्षक कार्टून बनाए गए हैं।
- सामुदायिक केंद्र पर चित्र बनाकर जागरुकता संदेश लिखे गए हैं।
- सड़कें पक्की और घरों के द्वार साफ सुधरे कराए गए हैं।
- तालाबों के किनारे भी साफ-सफाई कराई गई है।
- राष्ट्रपति का गांव है, इसलिए लगातार अधिकारियों के निरीक्षण होते रहते हैं।