प्रेस वार्ता
दिनांक 24 सितम्बर 2022
इंडियन पीपुल्स पार्टी वर्ष 2023 के विधान सभा चुनाव में सभी 230 सीटों पर उतारेगी उम्मीदवार- प. पुरूषोदन तिवारी, राष्ट्रीय अध्यक्ष
• 4 सितंबर को भोपाल में की गई इंडियन पीपुल्स पार्टी की घोषणा • ऑटो रिक्शा के पीछे पोस्टर लगा 25 सितंबर से मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत
• 02 अक्टूबर गांधी जयंती को साइकिल रैली निकाल कर नए सदस्यों को जोड़ेंगे • इंडियन पीपुल्स पार्टी का मध्यप्रदेश में चल रहा है सदस्यता अभियान
• मध्य प्रदेश के 38 जिलों में संगठन के पदाधिकारी मनोनीत किए गए
इंडियन पीपुल्स पार्टी से जुड़ने के लिए मिस्ड कॉल दें- 9993815133
जबलपुर, 24 सितंबर 2022 1 [इंडियन पीपुल्स पार्टी 25 सितम्बर 2022, रविवार से पूरे मध्य प्रदेश में अपना प्रचार अभियान शुरू करने जा रही है। आम जनता को पार्टी से जोड़ने और सदस्यता अभियान को विस्तार देने के लिए प्रदेश स्तर पर सभी 52 जिलों में ऑटो रिक्शा के पीछे पोस्टर लगाकर चुनाव अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। इसके अलावा 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर समस्त जिलों में साइकिल रैली का आयोजन किया जाएगा। इंडियन पीपुल्स पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. पुरूषोत्तम तिवारी ने आगे आनकारी दी कि 4 सितम्बर से 2 अक्टूबर के बीच पार्टी में 50 हजार से अधिक सक्रिय सदस्यों को जोड़ने का अभियान प्रारंभ किया गया है, जो निरंतर जारी है। पार्टी की स्थापना के बारे में जानकारी देते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि 4 सितम्बर 2022 को भोपाल में विशाल राज्य स्तरीय अधिवेशन का आयोजन किया गया था. जिसमे प्रदेश के 38 जिलों से बड़ी संख्या में पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। लगभग 5 घंटो तक निरंतर चले अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. पुरुषोत्तम तिवारी के अलावा जिला के पदाधिकारियों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए पार्टी के विस्तार और सदस्यता अभियान को त्वरित गति से चलाने पर बल दिया।
पुरुषोतम तिवारी ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि इंडियन पीपुल्स पार्टी वर्ष 2023 में मध्यप्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव में भाग लेगी और सभी 230 सीटों पर योग्य उम्मीदारों को लड़ाएगी। ये उम्मीदार आम जनता के प्रतिनिधि बनकर उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए काम करेंगे, लेकिन उसके पहले हमें मौजूदा व्यवस्था की अनेकों खामियों को दूर करना होगा, जो कि सरकार और जनता के बीच टूरिया पैदा करती है। इसी को ध्यान में रखकर इंडियन पीपुल्स पार्टी घोषणा करती है कि सबसे पहले मध्य प्रदेश की कानून व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा कराएगी और उसे जनसम्मत बनाकर, जो कानून दशकों और सदियों पुराने हो गए है, उन्हें सवैधानिक दायरे में हटा दिया जाएगा और केवल वहीं कानून लागू होंगे जो केवल जनहित के होगे और इसके लिए जनमत संवाह किया जायेगा।
इंडियन पीपुल्स पार्टी एक राजनीतिक दल होते हुए भी सामाजिक जिम्मेदारियों के लिए प्रतिबद्ध है, जिसकी मूल भावना में सबसे निचले तबके को भी राजनीति से जोड़ने का संकल्प है, ताकि हर वर्ग और समाज का अंतिम व्यक्ति भी खुद को पराया न समझे। जैसा कि पार्टी के नाम में ही निहित इंडियन से पता चलता है कि भारत के हर नागरिक को राजनीति से जुड़ना चाहिए, ताकि मुट्ठी भर लोग विधान सभा और संसद में बैठकर बहुतांश जनता के बारे में मनमाना फैसला न ले। युवाओं को विशेष रूप से राजनीति में अवसर देने के लिए हम प्रतिबद्ध है।
IPP
इंडियन पीपुल्स पार्टी के उद्देश्य के बारे में पं. पुरूषोत्तम तिवारी ने बताया कि यह एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां किसी भी तरह के भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं है अर्थात समानता ही इसका मूलमंत्र है। इंडियन पीपुल्स पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने देश और मध्य प्रदेश में लगातार हो रहे घोटालों और भ्रष्टाचार पर भी करारा प्रहार किया। उन्होंने प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार पर आरोप लगाया कि उनके लगभग 18 वर्षों के कार्यकाल में एक से बढ़कर एक घोटाले हुए, लेकिन किसी भी मामले की ईमानदारी से जांच नहीं करायी गई, बल्कि जांच के नाम पर खानापूर्ति करके सबूतों को नष्ट करने का ही काम किया गया।
व्यापम जैसे घोटालों में तो आधा दर्जन से अधिक लोगों की संदेहास्पद मौतों ने शिवराज सरकार की कार्यप्रणाली पर ही प्रश्नचिह्न लगा दिया है। इसके अलावा बच्चों के पोषक आहार, मिड-डे मील और किसानों के यूरिया खाद पर भी मंत्री और अफसरशाही डाका डालने में पीछे नहीं रहे। चाहे आयुष्मान कार्ड के नाम पर सरकारी खजाने को लूटने का मुद्दा हो या फिर राशन दुकानों के जरिए गरीबों को दिए जाने वाले अनाजों में हेराफेरी करने का मामला हो, सभी घोटालों में बाबू और अफसरों से लेकर मंत्रियों तक का हिस्सा है।
इंडियन पीपुल्स पार्टी इन सभी घोटालों के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को जिम्मेदार मानती है, क्योंकि बगैर मुखिया की जानकारी के यूरिया से भरे ‘दर्जनों ट्रक गायब तो नहीं हो सकते और 15 दिनों तक पूरे प्रदेश में खामोशी छायी रही, यह कैसे समय हो सकता है। अलीराजपुर जिले में 6 महीनो तक हजारों मासूम बच्चों को मिड-डे मील वितरित नहीं किया गया। ऐसे दर्जनो घोटाले मौजूदा सरकार के नाक के नीचे हो रहे हैं और विपक्षी पार्टी कांग्रेस खामोशी से सबकुछ देख रही है। इससे साबित होता है कि दोनों पार्टियां इस के लिए जिम्मेवार हैं।
जबलपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए इंडियन पीपुल्स पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पार्टी के सहयोगी संगठनों की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश भर में विभिन्न विग्स के गठन की भी तैयारी है, जिसके तहत महिला संगठन, अनुसूचित जाति / जनजाति संगठन पिछड़ा वर्ग संगठन, युवा संगठन, स्कूल व कॉलेज छात्र संगठन, शासकीय व गैर-शासकीय कर्मचारी संगठन संगठित व असंगठित श्रमिक संगठन, ऑटो चालक संगठन, भूतपूर्व सैनिक संगठन, भूतपूर्व पुलिस अधिकारी / कर्मचारी संगठन, व्यापारिक प्रकोष्ठ, शिक्षक संगठन, रिटायर्ड आईएएस व आईपीएस संगठन, राज्य व केन्द्रीय पेंशनर्स संगठन, अधिवक्ता संगठन और गरीबी रेखा कार्डधारी संगठन के अलावा अन्य संगठन भी बनाकर समाज के सभी क्षेत्रों को राजनीति में समाहित कर जनसेवा पर जोर दिया जाएगा।
3) देश में एक और भ्रष्टाचार तेजी से पनपा है। हर हॉस्पिटल की अपनी दवा दुकान होती है। इन दवा दुकानों में गिनी-चुनी कम्पनी की दवाइयां ही उपलब्ध होती है। इसका साफ अर्थ है कि जिन दवा कम्पनियों के साथ हॉस्पिटल्स एवं डॉक्टर की डील होती है, उन्हीं कंपनियों की दवाएं वहां की दुकानों पर उपलब्ध होती है। उस हॉस्पिटल के डॉक्टर भी हॉस्पिटल के दवा दुकानों में उपलब्ध दवाओं को पर्ची में लिखते हैं। इंडियन पीपुल्स पार्टी मानती है कि ये एक बड़ा घोटाला है, जिसकी जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से कराई जानी चाहिए। इसका एक उदाहरण यह है कि PARACETOMOL DOLO 650 कम्पनी की टेबलेट की जानकारी एमआर एसोसिएशन के संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना काल में PARACETOMOL DOLO 650 को लिखने के लिए एक हजार करोड़ रूपये से अधिक के उपहार बांटे गये। यह जनता के साथ की गई एक धोखाधड़ी है।
4) हॉस्पिटल घोटाला- मध्य प्रदेश में इन दिनों चिकित्सा को व्यापार बना दिया गया है। प्रदेश भर में छोटे-बड़े लाखों हॉस्पिटल खोले गए हैं, जिसके लिए सारे नियम-कानूनों को ताक पर रख दिया गया है। यही वजह है कि जबलपुर में न्यू लाईफ हॉस्पिटल में अग्निकांड से 8 लोगों की जान जाने के बाद हाईकोर्ट को टिप्पणी करनी पड़ी थी। मप्र में लगभग 100 और जबलपुर में 80 से ज्यादा अस्पतालों को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा नोटिस दिया गया है किन्तु इन अस्पतालों में आज भी मरीजों का इलाज चल रहा है जो एक गंभीर समस्या है।
अतः इंडियन पीपुल्स पार्टी मांग करती है कि समस्त उन अस्पतालों को जिनको नोटिस दिया गया है। सील कर बंद किया जाये। अस्पतालों के भवनों में सबसे बड़ी अनियमितता यह है कि अस्पताल का नक्शा अस्पताल के नाम से स्वीकृत नहीं कराया गया है। जिसके कारण जो नक्शा स्वीकृत हुआ है उसमें व्यवसायिक एवं अस्पतालों के मापदण्ड शामिल नहीं है। आज भी जबलपुर में बहुत सी अस्पताल अनियमित रूप से संचालित हो रही है जिला प्रशास और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इन अस्पतालों को बंद नही कराया तो इंडियन पीपुल्स पार्टी जनता के जीवन की सुरक्षा के लिए इन अस्पतालों में तालाबंदी करेगी।
5) आयुष्मान कार्ड की तर्ज पर ही केंद्रीय कर्मचारियों का इलाज सीजीएचएस के माध्यम से होता है। इस योजना में भी जबलपुर सहित देशभर में फर्जी जांच रिपोर्ट लगाकर लोगों के नाम पर पैसा अस्पतालों द्वारा अर्जित किया जा रहा है। इसकी सीबीआई से जाँच कराने की मांग इंडियन पीपुल्स पार्टी करती है, जिसमें अरबों रूपये का फर्जीवाड़ा सामने आयेगा
6) गैलेक्सी हॉस्पिटल में कोरोना के समय लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले चिकित्सक एवं अस्पताल प्रबंधकों के खिलाफ आज तक कोई कड़ी करवाई नही की गई है और न ही ऐसे मामलों की जांच ही कराई जा रही है। इंडियन पीपुल्स पार्टी इस मामले में अतिशीघ्र जांच कराने की मांग करती है।
7) मदन महल से लेकर दमोह नाका तक बनने वाले फ्लाईओवर के कारण नागरिकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, अतएव सड़कों को मोटरे बिल बनाया जाए।
8) इंडियन पीपुल्स पार्टी की मांग है कि मप्र विद्युत मंडल, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं कृषि विभाग, कृषि उपज मंडी, वेयर हाउस, लोक स्वास्थ्य यान्त्रिकी, नगर निगम एवं नगर पालिका के आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित वेतनमान पर रखा जाए। मप्र राज्य विद्युत मंडल में विगत 22 वर्षों से अनुकंपा नियुक्ति बंद है। विद्युत मंडल में कार्य करते समय नियमित संविदा आउटसोर्स कर्मचारियों को मिलाकर लगभग 6 हजार कर्मचारियों की मौत हो चुकी है, जिससे इन परिवारों को कंगाली में अपना जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है, उनके लिए शीघ्र ही अनुकम्पा नियुक्ति प्रारंभ की जाए और एकसाथ सभी 6 हजार परिवारों को नियुक्ति आदेश जारी किये जायें।
(4) मप्र राज्य विद्युत मंडल के आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा जो आंदोलन अपनी मांगों के संबंध में किया जा रहा है, उसका इंडियन पीपुल्स पार्टी समर्थन करती है और भी कर्मचारियों को नियमित वेतनमान पर नियुक्ति की जाये।
10) मध्यप्रदेश में रेत का कारोबार करने के लिए बड़े-बड़े सिंडीकेट काम कर रहे हैं इनके द्वारा मध्यप्रदेश सरकारको अरबों की रॉयल्टी दिए बिना टेंडर के माँ नर्मदा का सीना छलनी किया जा रहा है जिससे नर्मदा को प्राकृतिक रूप से नुकसान पंहुचाया जा रहा है वहीं मप्र सरकार को अरबों रूपये का नुकसान हो रहा है। इस पूरे खेल में मप्र सरकार के अधिकारी और मंत्री निश्चित रूप से शामिल है इसकी जाँच कराई जानी चाहिये।
11)बेरोजगारी – प्रदेश में 2 करोड़ से अधिक युवाओं के पास काम नहीं है।
12) बेरोजगारी की वजह से पलायन एक बड़ी समस्या है मप्र से 4 लाख से अधिक लोगों ने पलायन कर लिया है।
13) कोरोना के समय प्रदेश में लोगों को इलाज नहीं मिला, जिसकी वजह से लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
14) रेमडिसिविर इंजेक्शन की जमकर कालाबाजारी की गई, साथ ही नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन का भी करोड़ों रुपए का कारोबार कर लोगों की जान से खिलवाड़ हुआ। इसमें हॉस्पिटल, डॉक्टर और मेडिकल कारोबारियों की मिलीभगत रही।
15) 3000 करोड़ रुपए का ई-टेंडरिंग घोटाला किया गया प्रदेश में
16) पंजाब में प्रधानमंत्री की वापसी सुरक्षा कारणों में भारी चूक की वजह से हुई।
17) दूसरी बार भी दिल्ली में भाजपा का न जीत पाना और कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया हो जाना बताता है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों को लोगों ने नकार दिया है।
18) महाराष्ट्र के 2 और दिल्ली के दो मंत्रियों का भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाना अपने आप में देशळ में राजनीति के गिरते स्तर का प्रमाण है, ऐसे में एक साफ-सुथरी और ईमानदार पार्टी की देश और प्रदेश को जरूरत है।
61 19) महाराष्ट्र में सामना के सम्पादक और राज्य सभा के सांसद का 700 गरीब परिवारों के आशियाने में डाका डालने का मुद्दा भी चौंकाने वाला है। यह भी भ्रष्टाचार का एक बड़ा मुद्दा है। इससे साबित होता है कि जिसको भी मौका मिला उसने घोटाला किया।
20 20) राजनीति में परिवारवाद एक बड़ी समस्या है। कांग्रेस, शिवसेना, राष्ट्रवादी पार्टी, समाजवादी, राजद हो या अन्य दूसरी पार्टियां हर जगह परिवारवाद का बोलबाला है। भाजपा जो खुद को साफ-सुथरा बताती है, उसकी अपनी पार्टी के कई बड़े नेताओं के बेटा-बेटी परिवारवादी राजनीति का लाभ ले रहे हैं।
21) प्रदेश में किसान घंटों की बिजली कटौती से परेशान हैं, जिसके असर उनकी फसलों के उत्पादन पर पड़ रहा है, लेकिन सरकार को • इससे कोई मतलब नहीं है।