आज की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है जिसके इर्द-गिर्द घूमती है वह किसी हीरो से कम नही था एक शख्स जो पुराना रेडियो सुधार कर अपना गुजारा करता था,महीने में बमुश्किल 100–200 की कमाई हो पाती थी फिर जूते चप्पल बनाने लगा और बेचने लगता है ऐसे धीरे-धीरे उसकी दोस्ती नेताओं से होने लगती है 1 दिन गांव में खबर आती है कि उसने दो-तीन हवाई जहाज खरीद लिए हैं लोग सुनकर दंग रह जाते हैं 10–12 साल के अंदर इतनी तरक्की होना असाधारण बात थी उसके बाद वह चुनाव लड़ता है और बड़ी बात यह है कि इंडिपेंडेंट लड़ता है और जीतता भी है सीधे गृह राज्य मंत्री बन जाता है
इन सबके साथ ही करीब 40–50 कंपनी और गोवा में कसीनो भी खोलता है, स्कूल खोलता है कॉलेज खोलता है अरबों की संपत्ति हो जाती है लेकिन एक एयर होस्टेस की वजह से उसकी पूरी जिंदगी बदल जाती है अब यहां से कहानी में नया ट्विस्ट आता है कि एयर होस्टेस की मौत हो जाती है कुछ दिन बाद उसकी मां की भी मौत हो जाती है पूरी कहानी यह है यह शख्स गोपाल कुंडा अपना एक न्यूज़ चैनल भी खोलता है और और खुद ही उस पर हीरो बन जाता है अब इसने एयरलाइंस कंपनी खोली बकायदा स्टाफ रखा गया .. एयर होस्टेस की भर्तियां शुरू की
गोपाल कांडा अपने केबिन से कैंडीडेट्स को देखता रहता था 1 दिन क्रू मेंबर के लिए एक लड़की गीतिका शर्मा आती है इंटरव्यू पैनल डिस्क्वालिफाई कर देता है कि यह उम्र में छोटी है लेकिन गोपाल कुंडा उसे जॉब पर रख लेता है कुछ सालों बाद गीतिका जॉब छोड़ना चाहती थी लेकिन गोपाल उसे जॉब छोड़ने नहीं देता गोपाल ने उसे कई महंगे तोहफे दिए यहां तक कि BMW car भी gift की उसमें बाद वह दुबई चली गई वहां जॉब करने लगी वहां भी गोपाल ने ही बार-बार गीतिका के खिलाफ अनर्गल बातें की उसके कैरेक्टर पर उंगली उठाई वहां से भी उसकी जॉब छूट गई वह वापस इंडिया आ गई अब वह गोपाल से पीछा छुड़ाने की फिराक में रहने लगी अचानक 4 अगस्त 2012 में गीतिका की लाश पंखे से झूलती हुई मिलती है वही बेड पर सुसाइड नोट भी मिलता है यह 2 पेज का सुसाइड नोट था इसमें बाकायदा डेट भी लिखी थी उसमे लिखा था मैं खुदकुशी कर रही हूं मेरे साथ धोखा हुआ है मैं अंदर से टूट चुकी हूं अरुणा चड्ढा और गोपाल कांडा दोनों ने मेरा भरोसा तोड़ा है और मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी उन्होंने मेरा इस्तेमाल किया वह मेरी परिवार को नुकसान पहुंचाना चाहते थे मेरा परिवार भोला है अरुणा और गोपाल झूठे और मक्कार हैं
इसी तरह की तमाम बाते, अरुणा ,गोपाल कुंडा की एयरलाइंस में काम करती थी और गोपाल की बहुत खास थी कानून के अनुसार अगर कोई किसी को आत्महत्या के लिए उकसाता है तो वह भी बहुत बड़ा क्राइम है जब सुसाइड हुआ तब गोपाल हरियाणा का गृह राज्य मंत्री था गोपाल घर पर ही था लेकिन पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई गोपाल चाहता था कि वह सरेंडर करें गिरफ्तार न हो। 5 दिन तक गोपाल कुंडा अपने घर पर था कई न्यूज़ चैनल उसके इंटरव्यू कर रहे थे उसे सवाल किया गया कि पुलिस उसे गिरफ्तार करना चाहती है तो उसने कहा मैं घर पर हूं जब भी चाहे पुलिस आ सकती है दिल्ली पुलिस पर दवाब था कि गोपाल की गिरफ्तारी अब तक क्यों नहीं हो रही जब 10 दिन बाद पुलिस पहुंचती है गिरफ्तार कर तो गोपाल कुंडा गायब हो जाता है अचानक एक दिन गोपाल कुंडा का मैसेज आता है कि वह सोमवार को फलां तारीख को इतने बजे अशोक विहार थाने में सरेंडर करेगा उसके पहले नहीं करेगा, सोमवार को अशोक विहार पुलिस स्टेशन के बाहर मीडिया वाले ,पुलिस वाले इकट्ठे हो जाते हैं उसे गिरफ्तार करने के लिए लेकिन गोपाल नही आता तय वक्त से दो-तीन घंटे ज्यादा हो जाते हैं पर वो नही आता और देर रात को सरेंडर कर देता है पुलिस उसे गिरफ्तार करना चाहती थीऔर गोपाल सरेंडर कर देता है।अरुणा चड्ढा और गोपाल कुंडा जमानत पर रिहा हो जाते हैं गोपाल जमानत पर रिहा होने के बाद चुनाव भी लड़ता है क्योंकि गोपाल कुंडा पर कोई केस नही बनता क्योंकि सुसाइड नोट में सिर्फ ये लिखा था की धोखा दिया गया लेकिन क्या हुआ था ये क्लियर नहीं था और इस तरह शख्स का जुर्म ढक गया,और उसने राजनैतिक पारी की भी शुरुआत की
रेडियो सुधारते सुधारते बना एयरलाइंस का मालिक, गोपाल कांडा फर्श से अर्श पर
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