नेताजी सुभाषचंद्र मेडिकल अस्पताल जबलपुर में शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। महिला सिक्योरिटी गार्ड का वीडियो बनाकर दो सुपरवाइजर और आफीसर पर ब्लेकमेल करने का आरोप लगाया गया है। महिला ने इसकी शिकायत गढ़ा थाने और महिला थाने में दर्ज कराई है। पीड़िता ने बताया कि 20 जून को पहली मंजिल पर सिक्योरिटी अधिकारी दीपक पांडे, सुपरवाइजर अरविंद पांडे और वेेंकटेस गोस्वामी ने यह कहकर बुलाया कि एक महिला परेशान कर रही है। जाकर देखा तो वहां कोई महिला परेशान नहीं कर रही थी। कुछ देर बाद दो अधिकारियों ने हाथ पकड़ लिया जबकि तीसरा सुपरवाइजर वीडियो बनाने लगा। पूछने पर कुछ भी नहीं बताया। पीड़िता ने बताया कि अधिकारियों की हरकतों के कारण वह तीन दिन तक ड्यूटी में नहीं गई। महिला ने तीनों अधिकारियों से वीडियो डीलिट करने को कहा लेकिन वह नहीं माने जिसके बाद उसने तीनों की शिकायत हरिजन थाने में करने की धमकी दी तो उसे रात में 12 बजे बुलाया गया और धमकी देकर लिखवाया गया कि उसने जो कहा है वह गुस्से में आकर कहा है। अधिकारियों की धमकी से वह डर गई और उनने जो कहा था उसने लिख दिया। इसके बाद महिला को नौकरी से निकाल दिया गया। जबकि यूडीसी कंपनी के जिम्मेदारों का कहना था कि महिला झूठ बोल रही है वह समय पर नौकरी नहीं कर रही थी इसलिए अधिकारियों ने उसे डांटा है। महिला के पास ऐसे कोई सबूत नहीं है जिसमें कहा जाए कि सुरक्षा अधिकारियों ने उसके साथ बदसलूकी की है। इधर गढ़ा थाना प्रभारी राकेश तिवारी ने बताया कि महिला की शिकायत पर जांच शुरू कर दी गई है।