वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब अजमेर शरीफ पर एक नया दावा सामने आया है। महाराणा प्रताप सेना की ओर से अजमेर की दरगाह के हिंदू मंदिर होने और यहां हिंदू प्रतीक चिह्न होने का दावा किया गया है। इस पर दरगाह कमेटी ने कहा- ऐसे बयान आते रहते हैं। यह सभी समाज के आस्था का केंद्र है। दरअसल, महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजे पत्र में बताया कि अजमेर में स्थित हजरत ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह हमारा प्राचीन हिंदू मंदिर है। वहां की दीवारों व खिड़कियों में स्वास्तिक और अन्य हिंदू धर्म से संबंधित चिह्न मिले हैं। महाराणा प्रताप सेना की मांग है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से सर्वे कराया जाए, जिससे कि पुख्ता सबूत मिलेंगे कि यह हिंदू मंदिर है।
इस संबंध में अंजुमन सैयद जादगान कमेटी के सचिव वाहिद हुसैन अंगारा शाह ने कहा कि ये बयान आज ही नहीं आया, बल्कि आते रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि ऐसे बयान आगे भी आते रहेंगे। मजहब व धर्म के नाम पर अराजकता फैलाने के लिए लोग ऐसा करते हैं। अजमेर ही नहीं, सभी सूफी संतों के आशियाने ऐसे हैं, जहां हर मजहब के लोग आते हैं। शांति कायम रहे, इसके लिए हम सभी को सोचना चाहिए।