राजस्थान के झुंझुनू में आरएसएस के क्षेत्रीय प्रभारियों की तीन दिवसीय बैठक हुई। इस बैठक में उदयपुर और अमरावती की घटना की भी चर्चा की गई और बढ़ते ‘इस्लामी कट्टरपंथ’ पर भी चर्चा की गई और बढ़ते कट्टरपंथ का मुकाबला करने के लिए संघ की भूमिका पर भी चर्चा हुई। बैठक में हिस्सा लेने वाले संघ के एक वरिष्ठ प्रचारक ने इस दौरान कहा, “ऐसी बैठकों के दौरान सभी सामयिक मुद्दों पर चर्चा की जाती है। तो स्वाभाविक रूप से उदयपुर और अमरावती की घटनाओं पर भी चर्चा हुई। घटनाओं को लेकर कार्यकर्ताओं में रोष है। हालांकि इस गुस्से को दूर करना होगा और इसे जिम्मेदारी से व्यक्त करना होगा। यहीं पर संघ की भूमिका होती है।”आपको बता दें राजस्थान के झुंझुनू में गुरुवार से शनिवार तक यह बैठक चली और कोरोना के बाद पहली बार ऐसी फिजिकल बैठक हुई है।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कहना है कि मुस्लिम समाज को उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड का सामने आकर विरोध करना चाहिए। उदयपुर में शनिवार को हुई अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में संघ के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा है कि कुछ बुद्धिजीवियों ने इसकी निंदा की है, लेकिन ऐसी घटनाएं न समाज हित में हैं और न ही देशहित में हैं। इसका सबको मिलकर विरोध करना आवश्यक है।आंबेकर ने कहा- उदयपुर में जो नृशंस हत्या हुई, वह अत्यंत निंदनीय है। इसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है। प्रतिक्रिया देने के लिए लोकतांत्रिक मार्ग है। सभ्य समाज इस प्रकार की घटना की निंदा ही करता है। हिंदू समाज शांतिपूर्ण, संवैधानिक तरीके से अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है। मुस्लिम समाज से भी उम्मीद है कि ऐसी घटना की निंदा करे।बैठक के दौरान बढ़ते कट्टरपंथ का मुकाबला करने के लिए संघ की भूमिका पर भी चर्चा हुई।
बैठक के बाद आरएसएस के प्रचार प्रभारी सुनील आंबेकर ने मीडिया को संबोधित किया। एक फिल्म पोस्टर के विवाद पर एक सवाल के जवाब में (जिसमें देवी काली को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया है) सुनील आंबेकर ने कहा, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग करते समय, सार्वजनिक भावनाओं का भी ध्यान रखना चाहिए।”बैठक में आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत, महासचिव दत्तात्रेय होसबोले, पब्लिसिटी इंचार्ज सुनील आंबेकर जैसे नेताओं ने हिस्सा लिया