शहर के मध्य स्थित ओमेगा चिल्ड्रन हॉस्पिटल के चार भागीदारों के खिलाफ पुलिस ने एक शिकायत के आधार पर षडयंत्रपूर्वक, कूटरचित दस्तावेजों के जरिये फर्म की सपंत्ति को हड़पने का मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है। एफ.आई.आर. के मुताबिक चारों भागीदारों पर भागीदारी डीड को मनमाने तरीके से दूसरे पक्ष को विश्वास में लिए बगैर शून्य कर दिया और फर्म के संसाधन, उपकरण सहित कैपिटल को आपस में बांट लिया और कर्मचारी नई फर्म में स्थानांतरित कर लिये। लार्डगंज थाने से प्राप्त जानकारी के अनुसार डॉ. आनंद कुमार तिवारी एवं सुधांशु तिवारी द्वारा आवेदन पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इस आवेदन में आरोपित था कि ओमेगा हॉस्पिटल एण्ड ब्लड बैंक के नाम से एक फर्म २००८ में रजिस्टर्ड थी जिसमें आवेदक सहित चार अन्य डॉ. बलवंत हर्षे, श्रीमति निरुपमा हर्षे, सुज्जल भाटिया एवं डॉ. श्रीमति नीता भाटिया पार्टनर थे, लेकिन वर्ष २०१८ में आपसी मतभेद के चलते इन चारों आरोपियों ने षडयंत्र पूर्वक अमानत में खयानत कर मिलते जुलते नाम से ओमेगा चिल्ड्रन हॉस्पिटल फर्म का गठन किया और अब ये चारों भागीदार उसी भवन में मिलते जुलते नाम से उसी मशीनों, उपकरणों, कर्मचारियों के साथ नई हॉस्पिटल का संचालन कर रहे। आवेदन की जांच के बाद यह पाया गया कि उक्त चारों भागीदारों ने आपराधिक षड्यंत्र करके आवेदकों के व्यवसाय, पूंजी और उनकी गुडविल और मुनाफा को एक तरह से अपहरित कर लिया। पुलिस ने आवेदन की जांच के दौरान दोनों पक्षों के कथन लिये जिसमें प्रथम दृष्टया षड्यंत्र पूर्वक पार्टनरशिप डीड का उल्लंघन कर मिलते-जुलते नाम की फर्म का गठन करने का मामला पाये जाने पर धारा ४०६, अमानत में खयानत एवं धारा १२० बी, आपराधिक षड्यंत्र का मामला दर्ज कर विवेचना में लिया गया है आरोपी अभी फिलहाल पुलिस गिरफ्त से बाहर है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है।
FIR