जबलपुर। अफ्रीकन स्वाइन फीवर ने जबलपुर जिले में दस्तक दे दी है। लंपी वायरस के बाद अफ्रीकन स्वाइन फीवर की सिहोरा नगर पालिका क्षेत्र में पुष्टि होने के बाद लोगों में दहशत का माहौल है। इस बात की जानकारी मिलने के बाद जबलपुर कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने नगरपालिका सिहोरा के वार्ड क्रमांक 1 और 3 में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिया है। साथ ही इफेक्ट जोन में सूकर का मानवीय विधि से वध करने के आदेश भी दिए हैं।
आदेश में संबंधित वार्डों के सूकर पालन स्थलों को बीमारी बढ़ाने का एपिसेंटर घोषित किया गया है, जिसके बाद इन स्थलों के एक किलोमीटर की परिधि को इफेक्ट जोन और जोन के आसपास की 9 किलोमीटर की परिधि को सर्विलांस जोन घोषित किया है। प्रतिबंधात्मक आदेश में बीते 30 दिनों के दौरान हुए सूकर का परिवहन संबंधी ब्यौरा एकत्रित कर अन्य संक्रमित क्षेत्रों को चिह्नित करने के भी निर्देश दिए गए हैं। सूकर आश्रय और सूकर मालिक के संपर्क में आए अन्य व्यक्तियों की आवाजाही भी पूर्णता प्रतिबंधित कर दी गई है। आदेश में सूकरों और सूकर मांस की खरीद-बिक्री को पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही प्रभावित वार्डों में की साफ-सफाई कर उन्हें संक्रमण मुक्त कराने के निर्देश दिए हैं।
लंपी वायरस के बाद अफ्रीकन स्वाइन फीवर का खतरा
पशुओं में लंपी रोग के बाद अब सूअरों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर का खतरा पैदा हो गया है। पशुपालन विभाग चौकस हो गया है। अफ्रीकन स्वाइन फीवर का वायरस सबसे पहले अफ्रीका में पाया गया था, जहां से इसे यह नाम मिला। सूअर के शरीर पर लाल गहरे चकते पडऩा, तेज बुखार इसके लक्षण हैं। यह एक अत्यधिक संक्रामक और घातक पशु रोग है, जो घरेलू तथा जंगली सूअरों को संक्रमित करता है। इसके संक्रमण से सूअर एक प्रकार के तीव्र रक्तस्रावी बुखार से पीड़ित होते हैं।
रोग की अन्य लक्षण तेज़ बुखार, अवसाद, एनोरेक्सिया, भूख न लगना, त्वचा में रक्तस्राव, उल्टी और दस्त शामिल हैं। इस रोग में मृत्यु दर 100 प्रतिशत के करीब होती है और चूँकि इस बुखार का कोई इलाज नहीं है, अतः इसके संक्रमण को फैलने से रोकने का एकमात्र तरीका संक्रमित जानवरों को मारना है। अफ्रीकी स्वाइन फीवर मनुष्य के लिये खतरा नहीं होता है, क्योंकि यह केवल जानवरों से जानवरों में फैलता है। अफ्रीकी स्वाइन फीवर, विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन के पशु स्वास्थ्य कोड में सूचीबद्ध एक ऐसी बीमारी है जिसके संदर्भ में तुरंत विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन को सूचना देना आवश्यक है।