नई दिल्ली। जबरन धर्म परिवर्तन मामले को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर मामला करार दिया। सोमवार को कोर्ट ने कहा कि जबर्दस्ती किसी का धर्म बदला जाना चिंता का मसला है, जो देश की सुरक्षा के साथ धार्मिक स्वतंत्रता को भी प्रभावित करता है।
जबरन धर्म परिवर्तन को गंभीर मसला करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वह मामले में दखल दे और इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने प्रयास करे। सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी भी दी कि यदि जबरन धर्म परिवर्तन को नहीं रोका गया तो आने वाले समय में कठिन हालात बन सकते हैं। जस्टिस एमआर शाह और हिमा कोहली की बेंच ने सालिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि इस तरह के प्रलोभनों के जरिए की कराए जा रहे धर्म परिवर्तनों के खात्मे के लिए कदम उठाए जाएं। कोर्ट ने इसे विशेष तौर पर काफी गंभीर मसला करार दिया है। उल्लेखनीय है कि शीर्ष अदालत में पूजा स्थल अधिनियम 1991 के कुछ प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी सुनवाई हुई। कोर्ट ने केंद्र को जवाब के लिए समय दिया है। अब मामले की सुनवाई जनवरी में की जाएगी।