म्यांमार के शरणार्थी भारत में तस्करी में भी लिप्त पाए गए हैं। पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठनों के साथ म्यांमार के कुछ शरणार्थी भारत में दुर्लभ विदेशी जीव, ड्रग्स और विदेशी सिगरेट तस्करी कर लाते हैं। म्यांमार के साथ सीमा साझा करने वाले मिजोरम का चंपाई जिला वन्य जंतुओं सहित अन्य तस्करी सामानों के लिए मुख्य रूट बना हुआ है,साल 2020 में मिजोरम में म्यांमार के रास्ते 20.36 किलो हेरोइन पकड़ी गई थी। वहीं, साल 2021 में 34.52 किलो हेरोइन पकड़ी गई। 2022 की पहली छमाही में करीब 20 किलो हेरोइन पकड़ी जा चुकी थी। तस्करी के आरोप में पकड़े गए लोगों में से 374 म्यांमार के नागरिक हैं,मिजोरम और म्यांमार की सीमाएं आपस में जुड़ी हुई हैं। सीमा के मिजो गांवों में रहने वाले लोग और म्यांमार से आने वाले ज्यादातर शरणार्थियों के बीच जनजातीय संबंध भी हैं। चिन जैसे जनजातीय समूह की आपस में रिश्तेदारी भी है। म्यांमार से आने वाले ये लोग मिजोरम में रहने वाले अपने रिश्तेदारों के नाम पर बेनामी जमीन भी खरीद रहे हैं।
भारत में तस्करी कर रहे म्यांमार से आए शरणार्थी
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