यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के आने के बाद से पेमेंट का सिस्टम काफी आसान हो गया है। आजकल मिनटों में ही बड़े-बड़े पेमेंट हो जाते हैं। UPI पेमेंट्स के लिए भारत में पॉपुलर ऐप्स Google Pay, PhonePe और पेटीएम हैं। एक तरफ जहां UPI पेमेंट्स की वजह से लेनदेन आसान हो गया है। तो वहीं, साइबर क्राइम भी बढ़ने लगे हैं। ऐसे में अपने अकाउंट से पैसे खाली होने से बचाने के लिए आपको पेमेंट करते वक्त कुछ बातों को ध्यान में रखना है। UPI ऐप्स फोन के ही स्क्रीन लॉक का यूज सेफ्टी के लिए करते है। ऐसे में अपने फोन में स्क्रीन लॉक जरूर लगाएं। क्योंकि, आपके फिंगरप्रिंट से फोन अनलॉक होता है। इसी फिंगरप्रिंट का यूज करके आप UPI ऐप को भी अनलॉक कर पाएंगे। फिंगरप्रिंट से फोन को लॉक करना ज्यादा बेहतर है। क्योंकि, पिन को गेस भी किया जा सकता है।
ज्यादा ऐप्स के इस्तेमाल से कन्फ्यूजन बढ़ सकता है और पेमेंट में गलती हो सकती है। ऐसे में ज्यादा UPI ऐप्स के इस्तेमाल से बचें। साथ ही आपको पेमेंट हिस्ट्री ट्रैक करने में भी दिक्कत आ सकती है। आप चाहें तो ज्यादा से ज्यादा दो ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं। क्योंकि, किसी स्थिति में एक ऐप से पेमेंट ना होने पर कम से कम दूसरा काम आ सकता है।
अपना 6 या 4 डिजिट पिन किसी के भी ना करें शेयर। यूपीआई ट्रांजैक्शन में हर बार आपको पिन की जरूरत होती है। ये ATM के पिन की तरह ही होता है। ऐसे में ये पिन किसी के साथ कभी शेयर नहीं करना चाहिए। क्योंकि, इस पिन को जानकार कोई भी कहीं भी पेमेंट कर सकता है।
आजकल वॉट्सऐप और दूसरे सोशल मीडिया में ग्राहकों को लूटने के इरादे से कई तरह के लिंक भेजे जाते हैं। कभी-कभी इनमें UPI पेमेंट करने को भी कहा जाता है। ऐसे में किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से हमेशा बचना चाहिए। अगर कभी ऐसा कोई लिंक मिले तो इसे तुरंत डिलीट कर दें या ब्लॉक कर दें।
UPI पेमेंट सिस्टम में सभी का स्पेसिफिक ID होता है। ऐसे में आप खुद भी अपनी ID किसी को देकर पेमेंट एक्सेप्ट कर सकते हैं। ऐसे में हमेशा डिजिटल ट्रांजैक्शन्स के वक्त UPI ID क्रॉस चेक करें। साथ ही स्कैन करने के बाद रिसीवर के नाम को भी वेरिफाई कर लें।