घटना छत्तीसगढ़ के बस्तर की है जहाँ पर 700 करोड़ की लागत से बने मेडिकल कॉलेज में चूहे मुसीबत बन गए हैं। इतना ही नहीं बीते दिनों उन्होंने सीटी स्कैन मशीन का तार काट दिया। इससे दो दिन तक जांच बंद रही चूहों से निजात पाने के लिए मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने इन्हें मारने का टेंडर निकाला। इसके लिए 10 से 12 लाख रुपए का बजट रखा गया है। फिलहाल रायपुर की एक निजी कंपनी ने टेंडर लिया है, जो अब चूहे मारने और दफनाने में लगी हुई है।बीते एक महीने में 1500 से अधिक चूहे मारकर दफनाए जा चुके हैं। अस्पताल प्रबंधन का अनुमान है कि अभी करीब 4 से 5 हजार चूहे अस्पताल में मौजूद हैं,इतने बड़े मेडिकल कॉलेज में चूहों को मारना भी आसान नहीं है। इस काम के लिए 6 लोगों की टीम लगी है। एहतियात बरतते हुए यह टीम जगह-जगह पैच बनाकर वहां चूहे मारने वाली दवा डाल रही है।बायर केक, रोडेन्ट ट्रैप एन्ड बॉक्स, रोडेन्ट ग्लू का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेज सुपरिन्टेंडेंट टीकू साहू ने बताया कि रोजाना 50-60 चूहे मारे जा रहे हैं आपको बता दें की 1500 चूहों को मारने के बाद भी परेशानियां कम नहीं हुई हैं। चूहे अब भी मरीजों को परेशान कर रहे हैं। वार्ड में भर्ती मरीजों के बेड तक पहुंच रहे हैं। ग्लूकोज की बोतल समेत दवा और मरीजों के सामानों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।