नूपुर शर्मा ने 21 मई को एक न्यूज चैनल पर डिबेट के दौरान मोहम्मद पैगंबर पर विवादित टिप्पणी की थी। इसके विरोध में देशभर में प्रदर्शन शुरू हो गए। यूपी, राजस्थान दिल्ली सहित कई राज्यों में हिंसा हुई। मामले को बढ़ता देखकर बीजेपी ने नूपुर शर्मा को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया। उसके खिलाफ देशभर में कई एफआईआर दर्ज हुई थीं। अब इस मुद्दे को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक टीवी कार्यक्रम में बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग उठाते हुए कहा कि उसकी गिरफ्तारी जरूरी है, ममता ने कहा कि मुझे नहीं लगता नफरत फैलाने वाली महिला का नाम नेशनल टीवी पर लिया जाना चाहिए। इस दुराण उन्होंने बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा। ममता ने कहा कि ये पूरा विवाद लोगों को बांटने की साजिश है। मेरा एक सवाल है कि अब तक उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है। ममता ने बताया कि इससे पहले भी नूपुर शर्मा ने लोगों को बांटने वाले बयान दिए हैं। उन्होंने बांग्लादेश के एक वीडियो को बंगाल का होने का दावा किया था। इसको लेकर बंगाल में नूपुर के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था।
ममता ने उन पर लगने वाले परिवारवाद के आरोपों पर भी बात की। वही बंगाल सीएम ने युवा राजनीति पर कहा की अखिलेश यादव भी चुनाव जीतकर राज्य के सीएम बने थे, वो मुलायम सिंह के बेटे हैं। इससे किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। जब इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी हुई थी तब मैं युवा थी। मैंने सड़कों पर इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। देश की राजनीति में युवाओं का होना बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि अभिषेक बनर्जी के चुनाव जीतने पर पता नहीं क्यों लोगों को बुरा लगता है। वो दो बार चुनाव जीते हैं, उन्हें जनता ने अपने लिए चुना है। हम बस इतना चाहते हैं कि राज्य के युवा राजनीति में सक्रिय हों।