लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच साफ़ तौर पर अब मंदी के असर दिखने लगे हैं। पहले वैश्विक महहमारी कोविड, फिर रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद बढ़ती महंगाई ने वैश्विक स्तर पर कई देशों के सामने इससे जुड़े आर्थिक संकट खड़े कर दिए हैं इस बात में कोई दोराहे नहीं है। ऐसे में कई कंपनियों ने अपना खर्च घटाने के लिए लोगों को नौकरी से निकालना शुरू कर दिया है। इसमें भी स्टार्टअप कंपनियां सबसे आगे हैं। तेजी से स्टार्टअप हब बन रहे भारत में ऐसी कंपनियां अब तक 10,000 से ज़यादा लोगों को नौकरी से निकाल चुकी हैं।
विशेष कर टेक स्टार्टअप्स के अच्छे दिन संभवतः खत्म होने लगे हैं। इन्वेस्टर्स का कैश बर्निंग का धैर्य बाजार की मौजूदा हालत के चलते जवाब दे रहा है। तभी तो जनवरी 2022 से अब तक स्टार्टअप कंपनियों में काम करने वाले करीब 8,000 से 10,000 एम्प्लॉइज को पिंक स्लिप मिल चुकी है और आगे और लोगों की छंटनी से इंकार नहीं किया जा सकता। छंटनी करने वाली स्टार्टअप कंपनियों की लिस्ट काफी बड़ी है। फरवरी में Lido Learning ने 1200 एम्प्लॉइज को नौकरी से निकाल दिया था। उसके बाद तो जैसे इसकी लाइन ही लग गई। Unacademey ने अप्रैल में 925,Vedantu ने अप्रैल में करीब 600 और FrontRow ने 145 लोगों को नौकरी से निकाल दिया। वहीं Meesho, OKCredit, Cars24, MFine और MPL जैसी कंपनियों ने भी सैकड़ों लोगों को नौकरी से निकाला है। ये संख्या कुल मिलाकर 8 से 10 हजार तक जाती है। फ़िलहाल चल रही वैश्विक घटनाओं को देखें तो लोगों के नौकरी जाने की बात समझ में आएगी। सबसे पहले तो स्टॉक मार्केट का बहुत बुरा हाल है और स्टार्टअप कंपनियों जैसे कि Zomato, Paytm, Nykaa के हाल तो और भी बुरा रहा है। ऐसे में इन्वेस्टर्स के बीच इन कंपनियों की साख गिरी है। दूसरी ओर महंगाई को कंट्रोल करने के लिए कर्ज महंगा हुआ है, ब्याज दरें बढ़ी हैं। वहीं रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद वेंचर कैपिटलिस्ट से होने वाली डील्स में कमी आई है। घरेलू और वैश्विक स्तर पर पूंजी जुटाना मुश्किल हो गया है।
अंतर्राष्टीय स्तर पर भी हालात अच्छे नहीं है। नौकरी से निकाले जाने की घटना सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के अन्य हिस्सों में भी देखने को मिली। पॉपुलर OTT प्लेटफॉर्म Netflix ने भी करीब 150 कर्मचारियों और दर्जनों कॉन्ट्रैक्टर्स की छंटनी कर दी थी।कुल मिलाकर इस मंडी का असर आम और खास सभी को खासी प्रभावित कर रही है और कइयों के सामने रोज़ी रोटी का संकट खड़ा हो गया है
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