भोपाल। गांधी भवन के सभागार में सभी विभागों आउटसोर्स कर्मचारी संगठनों का प्रतिनिधि सम्मेलन सैकडों नेतृत्वकारी आउटसोर्स कर्मियों की उपस्थित में संपन्न हुआ, जिसमें सर्वसम्मति से “ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स ठेका कर्मचारी संयुक्त मोर्चा मप्र” का गठन कर 13 सदस्यीय कोर कमेटी का गठन कर वासुदेव शर्मा एवं मनोज भार्गव को संयोजक एवं कोर कमेटी के सदस्य के रूप में राहुल मालवीय, प्रकाश यादव, शिव नारायण राजपूत, दीपक सिंह, के के नेमा, प्रकाश पुंज चौधरी, के जी पुरोहित, नितिन गावंडे, महेंद्र सिंह राजपूत, रीतेश देवनाथ, निखिल यादव को शामिल किया गया।
चार घंटे चले प्रतिनिधि सम्मेलन को पूर्व मंत्री पी सी शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा 2023 में कांग्रेस की सरकार बनते ही आउटसोर्स प्रथा को विदा करने का काम सबसे पहले किया जाएगा क्योंकि इसमें काम करने वाले युवाओं के अन्याय होता है, उनकी नौकरी सुरक्षित नहीं है, वेतन भी कम मिलता है, आउटसोर्स प्रथा से सिर्फ मंत्रियों, अधिकारियों का भला हो रहा है, ज्यादातर आऊटसोर्स, कंपनियां इन्हीं के करीबी लोगों की हैं, जो खुद के मुनाफे के लिए कर्मचारी के वेतन और पीएफ में चोरी करती हैं। पी सी शर्मा ने आउटसोर्स का मुद्दा विधानसभा में उठाने और आंदोलन में साथ रहने का भरोसा दिया।
प्रतिनिधि सम्मेलन में 20 से अधिक लोगों ने अपने विचार रखे, सभी ने आउटसोर्स व्यवस्था को समाप्त कराने की लडाई मिलकर लडने की जरूरत बताई, अभी तक हम लोग अपने अपने स्तर पर आंदोलन करते रहे लेकिन सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी है, अब हमें आल डिपार्टमेंट आफटलोर्स ठेका कर्मचारी संयुक्त मोर्चा बनाकर अपनी बिखरी हुई ताकत को एकजुट करना हो, तभी सरकार आउटसोर्स के बारे में सोचने को मजबूरी होगी।
प्रतिनिधि सम्मेलन में मनोज भार्गव ने भावी योजना रखते हुए 8 अगस्त को विधान सभा घेराव करने तथा इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, छिंदवाड़ा एवं शहडोल में संभागीय सम्मेलन करने का प्रस्ताव रखा, जिसका सभी प्रतिनिधियों ने तालियां बजाकर समर्थन किया।