नगरीय निकायों के चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जल्द चुनाव कराने के निर्देश के बाद राज्य सरकार चुनाव प्रक्रिया पर अमल शुरू कर दिया है। वहीं नगरीय निकाय के महापौर और अध्यक्ष का चुनाव कराने के लिए असमंजस की स्थिति बरकरार थी कि नगर निगम महापौर और नगर पालिका, नगर परिषदों के अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा या अप्रत्यक्ष प्रणाली से होगा। लेकिन अब यह साफ हो गया है कि महापौर और अध्यक्ष का चुनाव आप्रत्यक्ष प्रणाली से होगा यानी चुने हुए पार्षद ही महापौर व अध्यक्ष को चुन सकेंगे। अब सीधे महापौर और अध्यक्ष का चुनाव नहीं होगा। इसके पहले महापौर और अध्यक्ष का चुनाव सीधे होता था जिसमें जनता के वोटों से चुना जाता था।
नगरीय निकायों के चुनाव की सरगर्मी तेज होने के बाद शिवराज सरकार ने अप्रत्यक्ष रूप से होने वाले चुनाव के नियम को बदलने के लिए एक अध्यादेश राज्यपाल के पास भेजा था। जिसके बाद अब जानकारी मिल रही है कि वह अध्यादेश को सरकार ने वापस ले लिया है। जिसके बाद से यह साफ हो गया है कि प्रदेश में होने वाले नगरीय निकायों के चुनाव में अब पार्षद ही महापौर व अध्यक्ष को चुनेंगे। कुछ औपचारिकताएं शेष हैं जिन्हें पूरा कर लिया जाएगा।