आजकल हर कोई अपनी लाइफ में बिजी रहने लगा है और लोग घूमने-फिरने के लिए अब बहाने ढूंढने लगे हैं, ऐसे में होटल इंडस्ट्री में जबरदस्त बूम आया है. हर कहीं आपको ठहरने का उत्तम प्रबन्ध लिखा मिल जाएगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया का कोई हो, वहां आप चाहकर भी कमरा नंबर 13 का उपयोग नहीं कर सकते. जी हां, ये बात सच है. होटल वाले अपने यहां कई कमरे बनवाते हैं. लेकिन जब बारी नंबरिंग की होती है तो बारह के बाद सीधे चौदह नंबर का कमरा बना देते हैं. उनकी गायब हो जाता है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों होता है? आज हम आपको इसके पीछे की ख़ास वजह बताने जा रहे हैं. दरअसल, वेस्टर्न कल्चर के मुताबिक़, 13 नंबर काफी अशुभ होता है. इस वजह से वो लोग अपने होटल्स में बारह के बाद सीधे चौदह नंबर का कमरा बना देते हैं. वहां के इस कल्चर को देखते हुए भारत में भी इसकी शुरुआत हो गई है. यहां भी होटलों से 13 नंबर के कमरे गायब रहते हैं. होटल्स में 13 नंबर का कमरा ना रहने को लेकर कई तरह के दावे किये जाते हैं. इसे धर्म से भी जोड़ा जाता है. कहा जाता है कि प्रभु यीशु मसीह को एक व्यक्ति द्वारा धोखा दिया गया था. ये शख्स यीशु के साथ तेरहवीं कुर्सी पर बैठा था. इसके बाद से वेस्टर्न कल्चर के लोगों की नजर में 13 नंबर बुराई का प्रतीक बना गया है. लोग किसी भी तरह से तरह नंबर के साथ नहीं जुड़े रहना चाहते. ना सिर्फ तरह नंबर के कमरे होटल में नहीं होते, बल्कि अगर ईमारत की बात करें, तो किसी भी बिल्डिंग में तेरहवीं मंजिल नहीं होती. बारह के बाद सीधे चौदहवां फ्लोर आ जाता है. भारत के ज्यादातर होटल्स टूरिज्म के पर्पस से खोले गए हैं. इसमें बाहर से आने वाले पर्यटकों की सुविधा का ध्यान रखा जाता है. चूंकि विदेशियों के लिए तरह नंबर अनलकी है, इस वजह से भारत के होटल भी अपने यहां तेरह नंबर के कमरे नहीं बनाता. चंडीगढ़ में तो तरह नंबर के ब्लॉक को ही गायब कर दिया गया है. यहां बारह ब्लॉक के बाद सीधे 14 ब्लॉक आपको मिलेगा. 13 नंबर से लगने वाले डर को Triskaidekaphobia कहते हैं. फ़्रांस में अगर होटल में 13 कुर्सियां लगी है, तो इसके अनलकी माना जाता है.