मध्य प्रदेश सरकार (MP News) प्रदेश के कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए नई सुविधा देने जा रही है। उच्च शिक्षा विभाग ने फैसला किया है कि सभी स्टूडेंट्स को डिजिटल लॉकर की सुविधा मिलेगी। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि 6 अप्रैल को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) “युवा संवाद” (Yuva Samvad) के माध्यम से प्रदेश के युवाओं को संबोधित करेंगे और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े उनके सवालों के जवाब भी देंगे, और डिजिटल लॉकर की लॉन्चिंग करेंगे । मंत्री डॉ. यादव ने आज युवा संवाद के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव (Higher Education Minister Dr. Mohan Yadav) ने बताया कि भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित “युवा संवाद” कार्यक्रम में एनआईसी के माध्यम से 52 जिला मुख्यालयों तथा शासकीय महाविद्यालयों में स्थापित वर्चुअल कक्षाओं के माध्यम से 25 हजार से अधिक विद्यार्थी सीधा संवाद कर सकेंगे। डॉ. यादव ने बताया कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश योजना में विश्वविद्यालयों को डिजिटल लॉकर से एकीकृत किया जाना है। इसके लिये बरकतउल्ला विश्वविद्यालय को नोडल बनाया गया है। उन्होंने बताया कि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को मार्कशीट डिजिटल लॉकर के माध्यम से प्रदान करने के लिये वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 का डेटा तैयार कर लिया गया है। युवा संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डिजिटल लॉकर का शुभारंभ करेंगे।
मंत्री श्री यादव ने बताया कि प्रथम चरण में डिजिटल लॉकर के माध्यम से अंक-सूची उपलब्ध कराई जायेगी। आगामी चरण में उपाधि, डुप्लीकेट मार्कशीट, माइग्रेशन, ट्रांसक्रिप्ट आदि प्रमाण-पत्र डिजिटल लॉकर के माध्यम से उपलब्ध कराये जायेंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में अंक-सूची विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा परिणाम घोषित किये जाने के बाद महाविद्यालय को प्रदान की जाती है, जहाँ से छात्र अपनी अंक-सूची प्राप्त करते हैं। डिजिटल लॉकर प्रारंभ करने से परीक्षा परिणाम जारी होने के दिवस ही छात्र अपनी अंक-सूची डिजिटल लॉकर के माध्यम से प्राप्त कर सकता है। छात्र के अंतिम वर्ष के परिणाम के साथ ही डिजिटल लॉकर के माध्यम से ऑनलाइन डिजिटल प्रोवीजनल डिग्री दी जा सकती है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि छात्र सीधे अपने डिजिटल लॉकर अकाउंट से डिजिटल प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सकते हैं। इससे प्रमाण-पत्रों के गुम होने की समस्या भी समाप्त हो जायेगी। अंक-सूची तथा उपाधि परीक्षा परिणाम जारी होने के दिन ही छात्र को प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल लॉकर शुरू होने से प्रमाण-पत्र में सुधार बहुत ही कम समय में किया जाना संभव हो सकेगा। साथ ही प्रमाण-पत्रों में डिजिटल हस्ताक्षर होने से कर्मचारियों/अधिकारियों की जवाबदेही में वृद्धि होगी और सेवाओं की समयबद्ध रूप से आपूर्ति भी होगी।