कनाडा में मेडिकल सिस्टम की सेहत बिगड़ने लगी है। यहां आपात चिकित्सा पर संकट मंडराने लगा है। हालत ये है कि मरीजों को इलाज के लिए 100 से 125 घंटे तक का इंतजार करना पड़ रहा है। ट्रॉमा के मरीजों को भी चार दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है,कनाडा में हेल्थ वर्कर्स की भारी कमी है। हालत ये है कि प्राथमिक चिकित्सा से ठीक हो सकने वाले मरीज भी देखभाल के आभाव में बीमार पड़ जा रहे हैं। कनाडा में लगभग 7500 डॉक्टरों की कमी है। ओंटारियो के आपातकालीन चिकित्सक डॉ. रघु वेणुगोपाल का मानना है कि यह सब कुछ राजनीतिक भी है। उन्होंने कहा कि ओंटारियो में 20 से अधिक इमरजेंसी डिपार्टेमेंट को कर्मचारियों की कमी के कारण बंद करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि ये संकट नहीं है। ऐसा कहना अनुचित है,आपको बता दें कनाडा के मेडिकल एसोसिएशन (CMA) ने भी इसे राष्ट्रीय संकट कहा है। वहीं प्रांतीय नेताओं ने भी इसको लेकर आवाज तेज की है। जुलाई में हुए मंत्रियों के सम्मेलन में स्वास्थ्य बजट को 22% से बढ़ाकर 35% करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, लेकिन इस सब पर कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो का कहना है कि इस साल स्वास्थ्य के लिए मिलने वाले 3.70 लाख करोड़ रुपए का सकारात्मक परिणाम देखना चाहते हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि इससे पहले की सरकारों के बहुत भारी निवेश ने आवश्यक सुधार नहीं किए हैं,वही इस मामले स्वास्थ्य मंत्री जीन-यवेस डुक्लोस लगातार सुधार करने की बात कर रहे हैं। कनाडा में वर्तमान सरकार ने सत्ता संभालने पर सभी प्रांतों के लिए कुल 2.62 लाख करोड़ रुपए के निवेश का वादा किया था। जिसमें 7500 नए फैमिली डॉक्टर और नर्सों को नियुक्त किया जाना था
कनाडा में 16 साल बाद डॉक्टरों की कमी
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