प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को लेकर एक और सनसनीखेज खुलासा किया है। अधिकारियों ने दावा किया है कि ने इस साल जुलाई में बिहार की राजधानी पटना में पीएफआई(PFI)ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले करने की खतरनाक योजना बनाई थी। इसके लिए संगठन ने पटना में ट्रैनिंग कैंप भी लगाया था और कई सदस्यों को ट्रेनिंग देने का काम किया। इतना ही नहीं वित्तपोषण के लिए कई विदेशी ताकतों के संपर्क में थे। पीएम मोदी के हर गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक केवल पीएम मोदी पर ही हमले नहीं बल्कि PFI अन्य हमलों के लिए भी टेरर मॉड्यूल तैयार कर रहा था। पीएफआई के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए NIA ने ‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’ चलाया था। बता दें कि 22 सितंबर को 11 राज्यों में एनआईए, ईडी और राज्य पुलिस की एक संयुक्त टीम द्वारा किए गए कई छापे में 106 से अधिक पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने संगठन के तीन अन्य पदाधिकारियों को दिल्ली से हिरासत में लिया था। इनमें परवेज अहमद, मोहम्मद इलियास और अब्दुल मुकीत का नाम शामिल है। 2018 से पीएफआई के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू होने के बाद से एजेंसी ने इन सभी से कई बार पूछताछ की है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जांच एजेंसी ने कहा संगठन ने उन पर हमला करने के लिए एक प्रशिक्षण शिविर का भी आयोजन किया था, जिससे 2013 जैसी घटना को अंजाम दिया जा सके। अक्टूबर 2013 में पटना गांधी मैदान में तत्कालीन भाजपा के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी की रैली में सिलसिलेवार बम ब्लास्ट हुए थे।