प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश के पांच राज्यों के जातियों को अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित किया गया है. इसमें उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में गोंड जाति के लोगों को अनुसूचित जाति से हटाकर अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया है. इसके अलावा गोंड जाति की 5 उपजातियों- धुरिया, नायक, ओझा, पठारी और राजगोंड- को भी अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया.इसके साथ ही बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के लोगों से किए अपने प्रमुख चुनावी वादों में से एक को पूरा किया. पार्टी ने गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने के लिए कानून लाने का वादा किया था.दरअसल इसी साल मार्च में सरकार ने संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2022 लोकसभा में पेश किया था. इस विधेयक में उत्तर प्रदेश की गोंड, धुनिया, नायक, ओझा पठारी और राजगोंड जातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाने का प्रावधान था, जिसे वहां ध्वनि मत से पारित कर दिया गया था. हालांकि तब राज्यसभा में यह बिल पास नहीं हो सका है. ऐसे में केंद्रीय मंत्रिमंडल में इसे पारित करने का फैसला लिया गया,जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस विधेयक को लेकर तब जानकारी देते हुए बताया था कि यह विधेयक 2002 में ही पारित हो चुका था, लेकिन तब यूपी के कई जिलों का बंटवारा हो गया और इस कारण गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति में नोटिफाई किए जाने के बावजूद नए जिलों में उन्हें वह दर्जा नहीं मिल सका था.