कर्नाटक हिजाब विवाद पर पांचवे दिन सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धुलिया की बेंच में सुनवाई हुई। बुधवार की सुनवाई में सीनियर एडवोकेट राजीव धवन और हुजेफा अहमदी ने पक्ष रखा। अहमदी ने कहा कि लड़कियां मदरसा छोड़कर स्कूल में पढ़ने आई थी, लेकिन अगर आप हिजाब बैन कर देंगे तो फिर मजबूर होकर मदरसा चली जाएंगी,कोर्ट में गुरुवार तक याचिकाकर्ता के पक्ष को सुना जाएगा। इसके बाद 2 दिन पक्ष रखने के लिए सरकार को दिया जाएगा। याचिकाकर्ता की ओर से अब तक देवदत्त कामत, सलमान खुर्शीद, युसुफ मुचाला और आदित्य स्नोधी पक्ष रख चुके हैं। आपको बता दें कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मार्च में याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट में अब तक की दलीलों में याचिकाकर्ताओं ने मांग की है कि केस बड़ी बेंच में भेजा जाए, क्योंकि ये व्यक्तिगत स्वतंत्रता और धार्मिक स्वतंत्रता का मामला है। मार्च में कर्नाटक हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है।कर्नाटक के उडुपी शहर में जनवरी के शुरुआती हफ्ते में विवाद शुरू हुआ था, जिसकी आग पूरे कर्नाटक में धीरे-धीरे फैल गई। फरवरी में कई जगहों पर इसको लेकर 2 पक्षों के बीच संघर्ष हिंसक संघर्ष शुरू हो गया था। प्रशासन को इस पर काबू पाने के लिए राज्य के कई जिलों में धारा 144 लागू करना पड़ा था।
हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई,वकील बोले- बैन से लड़कियां स्कूल छोड़ मदरसे में जाने को मजबूर होंगी
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