प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भगवान राम और खुद को उनका हनुमान बताने वाले सांसद चिराग पासवान की तपस्या जल्द पूरी हो सकती है। चिराग पासवान को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर बातचीत फाइनल हो चुकी है। धार्मिक मान्यताओं के तहत भादो और पितृपक्ष में कोई शुभ काम नहीं होता। इसलिए संभवत: वह अक्टूबर में वह शपथ ले सकते हैं। अगर ऐसा हाेता है तो रामविलास के निधन के 2 साल बाद (8 अक्टूबर 2020) चिराग उनके वारिस के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होंगे,नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होकर महागठबंधन के रथ पर सवार होते ही भाजपा बिहार में अकेली हो गई थी। JDU के नुकसान की काफी हद तक भरपाई रामविलास पासवान की पार्टी और उनके बेटे चिराग पासवान ही कर सकते थे। पुराने सहयोगी होने की वजह से चिराग को एनडीए में आने से कोई परहेज नहीं था, लेकिन कुछ शर्तें थीं। भाजपा ने अधिकतर शर्तों को मान लिया है वही लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रोफेसर विनित सिंह ने भी माना कि चिराग पासवान के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने की खबर में पूरा दम है। बस सही समय का इंतजार है। अभी भादो का महीना चल रहा है। फिर पितृपक्ष की शुरुआत हो जाएगी। इसके बाद निश्चित तौर पर खुशखबरी आएगी। फिर आधिकारिक तौर पर सबको इसकी जानकारी दी जाएगी।
चिराग पासवान का केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होना तय
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