आगरा के ताजमहल का नाम बदलने की एक बार फिर से मांग उठी है. आगरा में बीजेपी पार्षद ने ये मांग उठाई है. इसे लेकर आज आगरा नगर निगम में ये प्रस्ताव आएगा. बीजेपी पार्षद शोभाराम राठौर ने ताजमहल का नाम बदलकर तेजोमहालय रखने की बात कही है. पार्षद का कहना है कि उन्होंने अपने प्रस्ताव में इसे लेकर कई तथ्य रखे हैं, जिसके आधार पर सदन में प्रस्ताव पेश किया जाएगा.आगरा नगर निगम में पेश होगा प्रस्ताव बीजेपी पार्षद ने उठाई मांग बीजेपी पार्षद शोभाराम राठौर का ये तर्क है कि पिछले साढ़े 4 साल में करीब 80 सड़कों और चौराहों का नाम बदला गया है. ऐसे में ताजमहल के नाम बदलने की भी लंबे वक्त से मांग उठ रही है. इतना ही नहीं, शोभाराम राठौर ताजगंज से पार्षद हैं, इसी इलाके में ताजमहल आता है. उन्होंने कहा है कि ताजमहल में हिंदू सभ्यता के कई निशान जैसे दीवारों पर कमल की आकृति मिली है. ऐसे में ताजमहल का नाम बदलना चाहिए.
पहले भी ताजमहल के नाम को बदलने की मांग उठ चुकी है. इसे लेकर कई तरह के दावे किए जाते रहे हैं. कुछ लोगों का दावा है कि ताजमहल की जगह पहले शिव मंदिर था. 1212 ई. में परमाद्देव ने तेजो महालय बनवाया था. ताजमहल के 22 कमरे में मंदिर के सबूत हैं. इसके अलावा दावा किया जाता है कि ताजमहल के आसपास हिंदू आर्किटेक्चर है. ‘ताज’ और ‘महल’ दोनों ही संस्कृत के शब्द हैं. संगमरमर की जाली में 108 कलश हैं.
ताजमहल का नाम अगर आगरा नगर निगम में प्रस्ताव पास होकर तेजोमहालय हो भी गया, तो भी इस पुरातात्विक महत्व के संरक्षित स्मारक का नाम सरकारी दस्तावेजों में बदल नहीं सकेगा। किसी भी पुरातात्विक स्मारक का नाम बदलने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार को है। ऐसे में आज नगर निगम में आने वाला प्रस्ताव सिर्फ सियासी स्टंट माना जा रहा है।
हालांकि, प्रस्ताव पास होने पर नगर निगम के कागजात में जरूर ताजमहल की जगह तेजोमहालय लिखा जाने लगेगा। ASI के पुरातत्वविद अधीक्षण डॉक्टर राजकुमार पटेल का कहना है कि उनके पास इस तरह की कोई भी लिखित सूचना नहीं आई है। ऐसे में वह इस मामले पर कोई भी टिप्पणी नहीं कर सकते हैं।