मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर्स को ध्वस्त किए जाने की प्रक्रिया में सुरक्षा मानकों का सख्ती से अनुपालन करने के निर्देश दिए हैं। ध्वस्तीकरण की तैयारियों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि टावर ध्वस्त करने की पूरी प्रक्रिया में आसपास रहने वालों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाए। इसके तत्काल बाद अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविंद कुमार ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए। यह ध्वस्तीकरण 28 अगस्त को दोपहर 2:30 बजे महज 12 सेंकेंड में होगा,मुख्यमंत्री योगी ने ध्वस्तीकरण की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि टावर ध्वस्त करने की पूरी प्रक्रिया में आसपास रहने वालों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जाए। इसके तत्काल बाद अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविंद कुमार ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए,सुप्रीम कोर्ट ने इस अवैध निर्माण को ध्वस्त करने और इसके लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला सुनाया था। इसके बाद अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में 4 सदस्यों की समिति गठित की गई। समिति की रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण में संलिप्त 26 अधिकारियों व कर्मचारियों, सुपरटेक लिमिटेड के निदेशक और उनके वास्तुविदों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। प्राधिकरणों में तैनात 4 अधिकारियों को निलंबित भी किया गया,आईआईडीसी ने बताया कि ट्विन टॉवर को ध्वस्त किए जाने के लिए सीएसआईआर-सीबीआरआई के सहयोग से मुंबई की मेसर्स एडिफाइस इंजीनियरिंग एजेंसी का चयन किया गया है। एजेंसी ने पूर्व में कोचीन में ऐसी ही एक इमारत के सफलतापूर्वक ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की है। इसे गिराने के लिए वॉटर फॉल इम्प्लोजन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जोकि डिजाइन के अनुसार मनचाही दिशा में भवन को गिराने के लिए काफी उपयोगी मानी जाती है,विगत10 अप्रैल को एक टेस्ट ब्लास्ट भी किया गया था, जिसके नतीजों के आधार पर सीबीआरआई ने संशोधित ब्लास्ट डिजाइन तैयार की है। टॉवर को ध्वस्त करने के लिए करीब 3700 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री को स्टोर किया गया है। दोनों टॉवर में 9600 होल किए गए हैं, जहां विस्फोटक को रखा जा चुका है और अब इन्हें चार्ज किया जा रहा है। 28 अगस्त को दोपहर में ठीक 2:30 बजे एक बटन दबाने के महज 12 सेकेंड के भीतर 30 मंजिला टॉवर संख्या 16 और 31 मंजिला टॉवर संख्या 17 जमींदोज हो जाएगी,ध्वस्तीकरण के बाद वायु गुणवत्ता की जांच के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 6 जगहों पर उपकरण लगाए हैं। ध्वस्तीकरण से पैदा होने वाली धूल से एमरॉल्ड टॉवर और एटीएस विलेज को बचाने के लिए 12 मीटर ऊंची जियो फाइबर क्लॉथ का उपयोग होगा। धूल को साफ करने के लिए वॉटर टैंकर, स्प्रिंकलर और स्मॉग गन का उपयोग भी किया जाएगा। लगभग 2 किलोमीटर के दायरे में आने वाली सड़क के लिए स्वीपिंग मशीन भी लगाई जाएगी।
नोएडा के ट्विन टावर महज़ चंद सेकंड में हुए धराशाई
previous post