6 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव से पहले विपक्षी एकता की गांठ ढीली पड़ती दिख रही है। पश्चिम बंगाल की CM और तृणमूल कांग्रेस की प्रेसिडेंट ममता बनर्जी ने वोटिंग से दूर रहने का ऐलान कर दिया है। इसके बाद विपक्ष के नेता उन्हें मनाने में जुट गए हैं दरअसल,उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ रही संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने चुनाव में मतदान से दूर रहने के तृणमूल कांग्रेस के फैसले की आलोचना की है। मार्गरेट अल्वा ने टीएमसी के इस फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा कि उनका उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं लेने का निर्णय निराश करने वाला है। बता दें कि पिछले दिनों टीएमसी ने यह कह कर उपराष्ट्रपति के चुनाव से खुद को अलग कर लिया था कि, उससे उम्मीदवार को लेकर राय नहीं ली गई थी,गौरतलब उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष की ओर से मार्गरेट अल्वा को उम्मीदवार बनाया गया है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मार्गरेट अल्वा के नाम का ऐलान किया था। इसके बाद टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी इस बात से नाराज हो गई है कि उनसे बातचीत किए बिना उपराष्ट्रपति उम्मीदवार की घोषणा क्यों की गई? टीएमसी ने इस बात पर नाराजगी जाहिर करते हुए उपराष्ट्रपति चुनाव से दूरी बनाने का फैसला किया है। वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है एनसीपी चीफ शरद पवार ने दिल्ली में रविवार को विपक्षी दलों की बैठक के बाद उनके नाम की घोषणा की थी। 80 साल की अल्वा मूल रूप से कर्नाटक के मेंगलुरु की रहने वाली हैं। कभी अल्वा ने कांग्रेस हाईकमान पर टिकट बेचने का आरोप लगाया थाआपको बता दें अल्वा राजस्थान समेत 4 राज्यों की राज्यपाल रह चुकी हैं।