जुमे कि नमाज़ को लेकर प्रयागराज के अटाला में मस्जिद का ताला न खोले जाने को लेकर जमकर हंगामा हुआ। मस्जिद कमेटी के लोग इस बात को लेकर टाला खोलने तैयार नहीं है कि इमाम साहब नहीं है मस्जिद की इंतजामिया कमेटी के लोगों का कहना है कि अगर कोई ऊंच-नीच हो जाएगी तो कौन जिम्मेदारी लेगा। लिहाजा मस्जिद का ताला नहीं खुलेगा। पुलिस मस्जिद कमेटी के लोगों को समझा रही है। वही इस मामले में पुलिस का कहना है कि आज जुमे की नमाज है तो ताला खोलना ही चाहिए। उधर, लखनऊ, वाराणसी सहित कई शहरों में आसमान से ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है। सड़कों पर बुलडोजर हैं। लखनऊ की टीले वाली मस्जिद पर ड्रोन लेकर फोर्स पहुंची है।
ऐसे माहौल को देखते हुए शहर काजी ने लोगो से अपील कि है कि कानून अपने हाथ में न लेंइस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने कहा है कि मस्जिदें अल्लाह की इबादत के लिए हैं। यहां प्रदर्शन या नारेबाजी न करें। सहारनपुर के देवबंद में इस्लामी शिक्षा के प्रमुख केंद्र दारुल उलूम ने ऐलान किया है कि कोई भी छात्र जुमा के दिन शहर में न निकले और कैंपस की मस्जिद में ही नमाज अदा करें। आपको बता दें कि पिछले जुमे में सहारनपुर में हिंसा भड़की थी। कानपुर में शहर काजी ने लोगों से कानून हाथ में न लेने की अपील की है। उधर वाराणसी में जुमे की नमाज से पहले पुलिस फोर्स सड़कों पर उतर गया है। ज्ञानवापी मस्जिद में जुमे की नमाज को देखते हुए पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश खुद गोदौलिया पहुंचे हैं। आसपास के लोगों ने शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। ज्ञानवापी के आसपास बहुमंजिला इमारतों की छतों पर रूफ टॉप फोर्स तैनात की गई है। गोदौलिया से चौक क्षेत्र में एसीपी दशाश्वमेध अवधेश कुमार पांडेय ने फोर्स के साथ रूट मार्च किया। संवेदनशील इलाकों कि ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है।
सहारनपुर में पुलिस बल मुस्तैद है। श्रीराम चौक पर जमा मस्जिद के लिए जाने वाले संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जा रही है। डीएम अखिलेश सिंह, एसएसपी आकाश तोमर ने सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। जामा मस्जिद और बाजार पुलिस छावनी में नजर आ रहा है। कानपुर में 40 से ज्यादा संवेदनशील पॉइंट्स पर जवान तैनात किए गए हैं। संकरी गलियों में ड्रोन से निगरानी की जा रही है। छतों पर भी पुलिस फोर्स तैनात है। 8 ड्रोन कैमरों से निगरानी रखी जा रही है। नई सड़क, यतीमखाना, मूलगंज, पेंचबाग, अनवरगंज, जाजमऊ में पुलिस का सख्त पहरा है। 28 स्टेटिक कैमरों से लैस वीडियोग्राफर संवेदनशील जगहों पर मौजूद हैं। पीटीजेड कैमरे भी लगाए गए हैं जिनकी 360 डिग्री पर निगरानी है। पहली बार कुछ इलाकों में ऐसे कैमरे भी लगाए हैं जिनमें ऑडियो रिकॉर्ड की सुविधा है। कानपुर में 3 जून को जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़की थी। जिसे लेकर आज प्रशासन मुस्तैद नज़र आया और आगरा में भी मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में सुबह छह बजे से फोर्स तैनात किया गया है। यहां सेक्टर स्कीम यानी इलाकों को अलग-अलग सेक्टरों में बांटकर सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है। ड्रोन की मदद भी ली जा रही है। सीओ और मजिस्ट्रेट ने मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पैदल गश्त की। SSP सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि महिलाओं और बच्चों को आगे कर प्रदर्शन करने वालों पर भी पुलिस की नजर रहेगी। सीओ और थाना प्रभारियों को अपने-अपने संवेदनशील और मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पैदल गश्त करने के निर्देश दिए गए हैं।मेरठ में पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में छतों पर साइलेंट सर्चिंग अभियान चलाया। पुलिस ने ड्रोन उड़ाकर छतों की तलाशी ली। कहीं कोई पत्थरों का ढेर तो नहीं रखा गया है। शहर में धारा-144 लागू है। ADG राजीव सभरवाल ने खुद मोर्चा संभाला। हापुड़ अड्डा चौराहे पर आईजी प्रवीण कुमार, डीएम दीपक मीणा के साथ पैदल मार्च निकाला। गोरखपुर में जुमे की नमाज को लेकर पुलिस 48 संवेदनशील जगहों पर अलर्ट है। दुकानें रोज की तरह खुली हैं। गुरुवार को एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने गोरखनाथ मंदिर से ड्रोन उड़ाया था। जिन घरों की छतों पर ईंट-पत्थर दिखे, उसके मालिक को नोटिस भेजी गई। वहीं, डीएम कृष्ण करुणेश और एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने पीस कमेटी और धर्मगुरुओं के साथ मीटिंग की। इतना हे नहीं गाजियाबाद में पुलिस मस्जिदों के आसपास गश्त कर रही है। ड्रोन कैमरे उड़ाकर पुलिस माहौल भांप रही है। यहां गुरुवार शाम को पुलिस ने बुलडोजर के साथ गश्त की गई। पुलिस अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से बातचीत भी की। गाजियाबाद में दिल्ली से सटे बॉर्डर पर चेकिंग बढ़ा दी है। ड्रोन से सेंस्टिव इलाकों में निगरानी की जा रही है।