दिल्ली सरकार ने 20 फरवरी 2023 को एक फरमान जारी किया, जिसमें लिखा था कि निजी बाइक का कॉमर्शियल यूज नहीं किया जा सकेगा, अगर कोई ऐसा करते पाया गया तो कम्पनी पर 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लगेगा। इस आदेश से दिल्ली में बाइक टैक्सी चलाने वाले 80 हजार से 1 लाख लोग बेरोजगार हो गये। बाईक टेक्सी चलाने वाले कहते हैं कि खाने तक का पैसा नहीं है। बच्चे भूखे रोते हैं, ऐसे में कुछ सही गलत नहीं दिखता। ये सर्विस इस्तेमाल करने वाले लोग भी परेशान हैं। इसकी दो वजहें है- पहली बाइक टैक्सी ऑटो या कैब के मुकाबले बहुत सस्ती होती है। इनका किराया कैब से एक चैथाई और ऑटो से लगभग आधा होता था। दूसरी और दिल्ली जाम में ये कम समय में मंजिल तक पहुंचा देती थीं। कोरोना के दौरान जिनका काम छिन गया, घर में खड़ी बाइक उनके लिए रोजगार का साधन बन गई। बहुत से लोग जो कुछ और नहीं कर पा रहे थे और जिनके पास बाइक थी, उन्होंने बाइक राइड सर्विस देने वाले ऐप पर आईडी बनाई और ये काम शुरू कर दिया। इसमें कोई खर्च भी नहीं आया और रोज 5 सौ रुपए तक कमाई हो जाती। दो हफ्ते से कोई काम नहीं किया, कुछ दिन में खाने के लाले हो जाएंगे। ये सर्विस बंद होने के बाद मैंने उन लोगों से बात की, जो बाइक टैक्सी से अपना परिवार चला रहे थे। वेद प्रकाश नामक युवक ने बताया। वे तीन साल से बाइक टैक्सी चला रहे थे। वेद प्रकाश कहते हैं, ‘परिवार में 5 लोग हैं। उनका खर्च कैसे उठाऊं। पहले रोज 700-800 रुपए कमा लेता था। इतने में घर चलाना मुश्किल था, लेकिन फिर भी चल तो रहा था। बाइक टैक्सी बंद हुई तो, सब रुक गया। अब इस उम्र में और क्या काम करूंगा? 10वीं तक पढ़ा हूं। तीन बच्चे हैं, जो पढ़ाई कर रहे हैं। अगर मैं कोई काम नहीं कर पाया, तो उनकी पढ़ाई रुक जाएगी। सरकार के इस फैसले से ओला, उबेर, रेपिडो कम्पनी खासी नाराज नज़र आ रही है।