नगर निगम जबलपुर के पूर्व प्रशासक वरिष्ठ आईएएस एम गोपाल रेड्डी किसी भी समय बड़े घोटाले का पर्दाफास होने पर किसी भी समय गिरफ्तार होकर जेल जायेंगे। मध्यप्रदेश के पूर्व चीफ सेक्रेटरी एम गोपाल रेड्डी को किसी भी वक्त ईडी गिरफ्तार कर सकती है। मनी लांड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट ने रेड्डी की अग्रिम जमानत को खारिज कर दिया है। आखिर रिटायरमेंट के 2 साल बाद रेड्डी के खिलाफ ऐसे क्या सबूत हैं जो उनको जेल भेजने की वजह बन सकते हैं? इसका जवाब है ईडी की वह रिपोर्ट जिसमें बताया गया है कि रेड्डी जल संसाधन विभाग के ठेके लेने वाली हैदराबाद की कंपनी मेंटेना के लग्जरी प्लेन से मुफ्त में घूमते थे। उन्होंने अपने बेटे को हवाला के जरिए इस कंपनी से विदेशी मुद्रा भी दिलवाई। यह तब की बात है जब रेड्डी चीफ सेक्रेटरी बनने से पहले जल संसाधन विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) थे। उसी दौरान मप्र में ई-टेंडर घोटाला सामने आया था। इस घोटाले को लेकर ईओडब्ल्यू में दर्ज केस से मिले इनपुट के आधार पर ही ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। सितंबर 2020 में रिटायरमेंट के बाद रेड्डी के होम टाउन हैदराबाद लौटने तक सब ठीक चल रहा था, लेकिन तब तक मध्यप्रदेश की आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने ई-टेंडर घोटाले के कुछ सबूत और दस्तावेज ईडी को सौंप दिए थे। तब रेड्डी को अहसास भी नहीं रहा होगा कि 5 साल पहले तक उनके मातहत रही ईडी उनके लिए गले की फांस बन सकती है, लेकिन जांच एजेंसी उनके खिलाफ मिले सबूतों की कड़ियां जोड़ने में लगी थी। रेड्डी के लिए असल मुश्किल का दौर उस वक्त शुरू हुआ जब ईडी ने रेड्डी के रिटायरमेंट के ठीक 3 महीने बाद 15 दिसंबर 2020 को उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर लिया। इसके ठीक 22 दिन बाद ईडी के अफसरों ने रेड्डी के हैदराबाद में बंजारा हिल्स के मकान और मेंटेना, ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन सहित कई कंपनियों के 18 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। ईडी ने इस छापेमारी में जो दस्तावेज और डिजिटल सबूत जुटाए हैं, उसमें रेड्डी ऐसे फंसे कि अब तक ईडी से छिपते फिर रहे हैं। ईडी ने इसी दौरान मेंटेना कंस्ट्रक्शन के श्रीनिवास राजू और रिश्वत के लेनदेन में शामिल रहे भोपाल के आदित्य त्रिपाठी को गिरफ्तार भी कर लिया। अपनी गिरफ्तारी की आहट पाकर रेड्डी ने तेलंगाना हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत ले ली। 2 साल बाद फिर इस केस में यू-टर्न आया है। ईडी ने तेलंगाना हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। ईडी के तर्कों से सहमत होकर देश की सबसे बड़ी अदालत ने रेड्डी की अग्रिम जमानत को खारिज कर दिया।