इंडियन पीपुल्स पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं. पुरूषोत्तम तिवारी ने बताया कि इंडियन पीपुल्स पार्टी के द्वारा मध्यप्रदेश में आयुष्मान कार्ड योजना में मरीजों के साथ की जा रही धोखा-धड़ी कर सरकार से फर्जी पैसा वसूलने की शिकायत लगातार मध्यप्रदेश सरकार से की जा रही थी और लगातार सरकार का ध्यान अस्पतालों के द्वारा आयुष्मान योजना में किये जो रहे घोटाले के संबंध में शिकायत की गई थी। इसी संदर्भ में मध्य प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों को सरकार की ओर से आयुष्मान योजना के तहत भुगतान नहीं मिलेगा। यह फैसला मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने लिया है। इसके साथ ही सरकार ने प्रदेश के निजी अस्पतालों के करीब 1600 करोड़ रुपये के भुगतान पर रोक लगा दी है। कि मध्य प्रदेश में आयुष्मान योजना के तहत आयुष्मान कार्ड धारकों का निजी अस्पतालों में निःशुल्क उपचार किया जाता था। लेकिन निजी अस्पताल प्रबंधनों की ओर से आयुष्मान योजना में गड़बड़ी करने की खबरों के बाद शिवराज सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। इसी को लेकर शिवराज सरकार ने अब निजी अस्पतालों के आयुष्मान भुगतान पर रोक लगा दी है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के निजी अस्पतालों का करीब 1600 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है, फिलहाल, मध्य प्रदेश शासन ने निजी अस्पतालों के 1600 करोड़ रुपये के भुगतान पर रोक लगा दी है। प्रदेश शासन ने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे बड़ नगरों में संचालित अस्पतालों में से जो अस्पताल 50 बेड से अधिक या फिर एनबीएच की पात्रता रखेंगे उन अस्पतालों को जनरल मेडिसिन के मरीज को उपचार देने की पात्रता होगी और उन्हें ही दवा का भुगतान सरकार करेगी। 50 बेड से कम वाले अस्पताल जनरल मेडिसिन के अलावा अन्य विधाओं में आयुष्मान योजना में पात्र रहेंगे, जो अस्पताल जनरल मेडिसिन में पात्र रहना चाहते हैं, वे 31 मार्च 2023 तक अपने अस्पताल में बेड संख्या बढ़ा लें। यहां यह उल्लेखनीय है कि आयुष्मान योजना के तहत प्रत्येक पात्र परिवार को प्रतिवर्ष पांच लाख तक के निःशुल्क इलाज का लाभ दिया जाता है। योजना से संबंद्ध देशभर के किसी भी चिह्नित सरकारी या निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज की सुविधा है। मरीज के भर्ती होने से 7 दिन पहले तक की जांचें, भर्ती के दौरान इलाज व भोजन और डिस्चार्ज होने के 10 दिन बात तक का चेकअप और दवाएं इस योजना के तहत निःशुल्क दी जाती है।
इंडियन पीपुल्स पार्टी के द्वारा नागरिकों को लूट से बचाने के लिए और सरकारी पैसे का फर्जी भुगतान आयुष्मान योजना के अंतर्गत प्राप्त करने वाले अस्पतालों के खिलाफ आंदोलन लगातार जारी रहेगा। और दोषी अस्पतालों को दण्डित कराया जायेगा। जबलपुर में भी कलेक्टर जबलपुर द्वारा गठित समिति द्वारा आयुष्मान योजना की जाँच नहीं की जा रही है। जाँच के उपरान्त जबलपुर बड़े-बड़े अस्पताल आयुष्मान योजना के फर्जीवाडे में शामिल मिलेंगे।
इंडियन पीपुल्स पार्टी की शिकायत पर मध्यप्रदेश सरकार ने आयुष्मान योजना के प्रायवेट अस्पतालों के 1600 करोड़ रूपये के भुगतान पर रोक लगाई
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