प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 10 बजे सुप्रीम कोर्ट में आयोजित संविधान दिवस समारोह में शामिल हुए। इस दौरान ई-कोर्ट परियोजना के तहत विभिन्न नई पहलों और वेबसाइट का उद्घाटन किया। समारोह में CJI डी वाई चंद्रचूड़, कानून मंत्री किरेन रिजिजू और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज भी मौजूद रहे।
PM मोदी ने कहा कि 1949 में यह आज का ही दिन था, जब स्वतंत्र भारत ने अपने लिए एक नई भविष्य की नींव डाली थी, इस बार का संविधान दिवस इसलिए भी विशेष है, क्योंकि भारत ने अपने आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना के पहले तीन शब्द- ‘We The People’ केवल शब्द नहीं हैं, ये एक आह्वान हैं, एक प्रतिज्ञा हैं, एक विश्वास हैं। PM ने कहा कि आज दुनिया हमें बहुत उम्मीदों से देख रही है। आज पूरे सामर्थ्य से, अपनी सभी विविधताओं पर गर्व करते हुए ये देश आगे बढ़ रहा है और इसके पीछे हमारी सबसे बड़ी ताकत हमारा संविधान है। आजादी का ये अमृत काल देश के लिए ‘कर्तव्य काल’ है। व्यक्ति हों या संस्थाएं… हमारे दायित्व ही हमारी पहली प्रतिज्ञा है।
आज संविधान दिवस के अवसर , पीएम मोदी ने ई-न्यायालय परियोजना के तहत कई पहलों की शुरुआत की, जिनमें ‘वर्चुअल जस्टिस क्लॉक’, ‘जस्टआईएस मोबाइल ऐप 2.0’, डिजिटल अदालतें और ‘एसथ्रीडब्ल्यूएएएस’ शामिल हैं. इस अवसर पर पीएम मोदी ने मुंबई आतंकी हमले में जान गंवाने वाले मृतकों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि हमारा संविधान आधुनिक विजन का है और फ्यूचरिस्टिक है. . दरअसल, 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था, जिसके उपलक्ष्य में 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है. संविधान दिवस मनाने की शुरुआत 2015 में हुई थी