साल 2016 में केंद्र सरकार ने नोटबंदी का एलान किया था और 500 व 1000 रुपये के करेंसी नोट को रद कर दिया था। केंद्र के इसी फैसले को चुनौती दी गई है। मामले में दायर याचिकाओं पर 12 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जाएगी, आपको बता दें मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बेंच का गठन किया जिसमें पांच जजों – जस्टिस एस अब्दुल नजीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यन और जस्टिस बीवी नागरत्ना को शामिल किया गया है। नोटबंदी के अलावा यह बेंच चार और मामलों में सुनवाई करेगी,इस मामले में 16 दिसंबर 2016 को ही ये केस संविधान पीठ को सौंपा गया था, लेकिन तब बेंच का गठन नहीं हो पाया था। 15 नवंबर 2016 में उस समय के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने मोदी सरकार के इस फैसले की तारीफ की थी।चीफ जस्टिस ने कहा था- नोटबंदी की योजना के पीछे सरकार की जो मंशा है वो तारीफ के लायक है। हम आर्थिक नीति में दखल नहीं देना चाहते, लेकिन हमें लोगों को हो रही असुविधा की चिंता है। उन्होंने सरकार से इस मसले पर एक हलफनामा दायर करने को कहा था।
नोट बंदी के खिलाफ 12 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
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