भाजपा ने 2024 के चुनावी रण के लिए अपनी ताकत दक्षिण के पांच राज्यों में झोंकने की तैयारी कर ली है। केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र और तमिलनाडु में लोकसभा की 129 सीटे हैं। भाजपा यहां संघ पृष्ठभूमि वाले चेहरों, परंपरागत वंशवादी पार्टियों के असंतुष्ट नेताओं को साथ लेने के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय गैर-राजनीतिक प्रतिभाओं की लोकप्रियता का सहारा लेने की रणनीति पर चल रही है। भाजपा की हैदराबाद में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मिशन साउथ का रोडमैप तय किया गया,इसके तहत आने वाले 18 महीने को 6-6 माह के तीन चरणों में बांटकर इस अभियान को गति दी जाएगी। भाजपा का मानना है कि उत्तर में ग्रोथ सेचुरेशन के बाद अब दक्षिण में जमीन बनानी होगी। इसी रणनीति के तहत भाजपा ने केरल से पीटी ऊषा, आंध्र से विजयेंद्र प्रसाद, कर्नाटक से वीरेंद्र हेगड़े और तमिलनाडु से इलैया राजा को राज्यसभा भेजा है। मिशन साउथ में भाजपा के मुख्य निशाने पर तेलंगाना में टीआरएस नेता केसीआर और तमिलनाडु में द्रमुक नेता एमके स्टालिन हैं। आपको बता ददन भाजपा 2018 में विधानसभा चुनाव में तेंलगाना में एक सीट जीती और उसका वोट शेयर 7% था। जबकि 2019 के आम चुनाव में पार्टी ने 4 लोकसभा सीटें जीतीं और वोट 19.7% हो गया। 2016 में हैदराबाद महानगर पालिका चुनाव में भाजपा की 4 सीटें थीं जो 2020 में 48 हो गईं। 35 फीसदी वोट के साथ भाजपा और टीआरएस बराबरी पर आ गई,आपको बता दें भाजपा के लिए दक्षिण का सबसे महत्वपूर्ण रणक्षेत्र तेलंगाना है, जहां पार्टी पिछले तीन साल से कड़ी मेहनत कर रही है। तेलंगाना में टीआरएस से टूटकर आए एटला राजेंद्र ने भाजपा की ओर से कमान संभाली है। पार्टी का ध्यान 19 एससी और 12 एसटी सीटों पर है। राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र में केंद्रीय मंत्रियों के दौरेे हाे रहे हैं। गृहमंत्री शाह शनिवार को हैदराबाद में थे।