हैदराबाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि तेलंगाना राष्ट्र समिति के एक कार्यकर्ता ने अमित शाह के काफिले के सामने गाड़ी लगा दी. जिसके बाद सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने TRS कार्यकर्ता को जबरन हटाया. न्यूज एजेंसी से मिली जानकारी के मुताबिक, जी श्रीनिवास नाम के TRS नेता ने गृह मंत्री अमित शाह के काफिले के सामने गाड़ी लगा दी थी. श्रीनिवास ने कहा कि “मेरी कार अपने आप रुक गई. मैं बहुत टेंशन में था. मैं पुलिस अधिकारियों से बात करूंगा.” वहीटीआरएस नेता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मेरी कार के साथ तोड़-फोड़ की है. श्रीनिवास ने कहा, ‘मैं चला जाऊंगा, ये मामला बिना मतलब के बढ़ाया जा रहा है.’ केंद्र सरकार ने ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ पर सिकंदराबाद में आज एक कार्यक्रम का आयोजन किया है. गृह मंत्री अमित शाह इसी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हैं और वो इसी कार्यक्रम के संबंध में हैदराबाद गए हुए हैं
शाह ने ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ पर हैदराबाद में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अगर सरदार पटेल नहीं होते, तो हैदराबाद को मुक्त कराने में कई और साल लग जाते. उन्होंने कहा कि पटेल जानते थे कि जब तक निजाम के रजाकारों को हरा नहीं दिया जाता, तब तक अखंड भारत का सपना साकार नहीं होगा. इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत कई नेता भी शामिल हुए. शाह ने कहा, ‘इतने साल बाद, इस भूमि के लोगों की इच्छा थी कि “हैदराबाद मुक्ति दिवस” को सरकार की भागीदारी से मनाया जाना चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य की बात की है कि 75 साल बाद भी यहां शासन करने वाले वोट बैंक की राजनीति के कारण “हैदराबाद मुक्ति दिवस” मनाने का साहस नहीं जुटा पाए.’गौरतलब है कि हैदराबाद राज्य निजाम शासन के अधीन था और पुलिस ने भारत में इसका विलय कराने के लिए ‘ऑपरेशन पोलो’ नाम से अभियान चलाया था, जो 17 सितंबर 1948 को खत्म हुआ था.
. इससे पहले, गृह मंत्री अमित शाह ने आज हैदराबाद की मुक्ति का श्रेय शनिवार को सरदार वल्लभभाई पटेल को दिया और वोट बैंक की राजनीति एवं रजाकारों के “भय” के कारण “मुक्ति दिवस” मनाने के वादे से “मुकर जाने” वालों पर निशाना साधा.