इंजीनयरी में कैरियर का सपना विज्ञान विषयों (गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान) के साथ इंटरमीडिएट करने वाले अधिकतम छात्र-छात्राओं का होता है। इनमें से कई ऐसे होते हैं जो कि विशेषतौर पर सिविल इंजीनियर ही बनना चाहते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं भारत का पहला सिविल इंजीनियर किसे कहा जाता है। उत्तर है डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया। इंजीनियरी (बांधों, जलाशयों और जल विद्युत परियोजनाओं) के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के चलते वर्ष 1955 में भारत रत्न से सम्मानित डॉ. एम विश्वेश्वरैया की जन्मतिथि 15 सितंबर (वर्ष 1860) अभियंता दिवस यानि इंजीनियर्स डे के तौर पर मनाया जाता है। भारत सरकार द्वारा इंजीनियर्स डे मनाए जाने की घोषणा वर्ष 1968 में की गई थी, जिसके बाद से हर वर्ष आज के दिन मनाया जाता है,अभियंता दिवस के अवसर पर देश के विभिन्न इंजीनियरी विधाओं में लगे प्रोफेशनल्स के कार्यों और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को सराहा जाता है। देश भर के तकनीकी शिक्षा संस्थानों में विभिन्न कार्यक्रमों, वाद-विवाद, लेखन, आदि क्रिया-कलापों का आयोजन किया जाता है। कई इंजीनियरिंग कॉलेजों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले टेक्निकल कोर्सेस के स्टूडेंट्स को अवार्ड भी आज के दिन जाते हैं।