अफगानिस्तान में तालिबान को कब्जा जमाए एक साल होने वाले हैं। इस दौरान तालिबान ने कब्जे के पहले किए गए एक भी वादे को पूरा नहीं किया है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति अफगान महिलाओं की है। न उन्हें शिक्षा मिल रही है, ना ही स्वास्थ्य सुविधाएं हासिल है और रोजगार तो बिलकुल भी नहीं है। इसी मांग को लेकर शनिवार को जब कुछ महिलाएं काबुल में विरोध प्रदर्शन करने जुटीं तो तालिबान लड़ाकों ने हवाई फायरिंग कर उन्हें खदेड़ दिया। इस दौरान तालिबान ने इतनी गोलियां दागीं, जितनी तो प्रदर्शनकारियों की संख्या भी नहीं थी। तालिबान के राज में कई बार महिलाओं ने अपने हक को लेकर आवाज उठाई है, लेकिन हर बार तालिबान ने बंदूक के दम पर उन्हें खामोश कर दिया है।अफगानिस्तान में तालिबान को कब्जा जमाए एक साल होने वाले हैं। इस दौरान तालिबान ने कब्जे के पहले किए गए एक भी वादे को पूरा नहीं किया है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति अफगान महिलाओं की है। न उन्हें शिक्षा मिल रही है, ना ही स्वास्थ्य सुविधाएं हासिल है और रोजगार तो बिलकुल भी नहीं है। इसी मांग को लेकर शनिवार को जब कुछ महिलाएं काबुल में विरोध प्रदर्शन करने जुटीं तो खदेड़ दिया। इतना ही नहीं महिलाओं के प्रदर्शन को रोकने के लिए तालिबानी लड़ाकों ने हवाई फायरिंग की। महिलाएं जब नहीं रुकी, तो उनके साथ मारपीट भी हुई। यह प्रदर्शन तालिबान की सत्ता में वापसी की सालगिरह पूरी होने के कुछ दिन पहले ही किया गया। बता दें कि तालिबान पिछले साल 15 अगस्त को अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हुआ था।
अफगानिस्तान में महिलाओं को अपने हक़ के लिए प्रदर्शन करने पर हवाई फायरिंग और पिटाई तक का सामना करना पड़ा
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