महिलाओं के साथ भेदभाव जापान की भी त्रासदी है। जापान की मंत्री साइको नोडा ने कहा कि हमारी आबादी घट रही है। बच्चों का बर्थ रेट सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद देश में सबसे कम है। इसकी कई वजह हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण महिलाओं के साथ भेदभाव है,जापान की संसद के निम्न सदन में मौजूद सिर्फ दो महिलाओं में से एक नोडा कहती हैं, इस असमानता के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था आगे नहीं बढ़ सकती। संसद की सदस्य होने के नाते मैंने यह महसूस किया है कि यहां भेदभाव होता है।महिलाओं के साथ भेदभाव जापान की भी त्रासदी है। जापान की मंत्री साइको नोडा ने एक इंटरव्यू में कहा कि हमारी आबादी घट रही है। बच्चों का बर्थ रेट सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद देश में सबसे कम है। इसकी कई वजह हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण महिलाओं के साथ भेदभाव है।देश की पहली महिला प्रधानमंत्री होने की चाहत रखने वाली नोडा, देश की घटती आबादी के लिए चिंतित हैं। उनका कहना है कि जापान के युवा शादी और बच्चे पैदा नहीं करना चाहते। ऐसे में तो जल्द ही हमारी सेना, दमकल विभाग आदि के लिए युवा मिलना मुश्किल हो जाएंगे। इसके लिए जरूरी है कि हर क्षेत्र में महिलाओं की समान भागीदारी हो,नोडा ने कहा, देश की आर्थिक और राजनीतिक गतिविधियों में महिला और पुरुषों की भागीदारी पर जारी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 2022 की रिपोर्ट में 146 देशों में जापान 116वें नंबर पर है। इससे पता चलता है कि देश में कितनी असमानता है। उन्होंने राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कोटा सिस्टम शुरू करने की सलाह दी थी, लेकिन उस पर सहमति फिलहाल नहीं बनी।