कांग्रेस में मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए सरकार और संगठन में कोई बड़ा बदलाव या फेरबदल करने की गुंजाइश भी कम ही है। आपको बता दें कांग्रेस ने राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ के विरोध में आगे भी आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली में ईडी को लेकर विरोध-प्रदर्शनों और रणनीतिक फैसलों में मोर्चा संभाल रखा है। गहलोत रविवार को फिर दिल्ली जाकर राहुल गांधी के समर्थन में ईडी विरोधी मुहिम में ग्राउंड संभालेंगे। ऐसे में मुख्य फोकस अब ईडी विरोधी मुहिम पर हो गया है।
राज्यसभा चुनावों में तीन सीटों पर जीत के बाद सियासी हलकों में इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियां हो सकती हैं। राहुल गांधी और सोनिया गांधी को नेशनल हेराल्ड केस में ईडी का समन मिलने और राहुल से पूछताछ के बाद हालात बदल गए हैं। कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड मामले को प्रेस्टिज पॉइंट बना लिया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मौजूदा हालात में एक बार के लिए मंत्रिमंडल फेरबदल से लेकर राजनीतिक नियुक्तियों जैसे फैसले करना संभव नहीं होगा। इसलिए कुछ समय के लिए मंत्रिमंडल फेरबदल के कयासों पर विराम लग गया है। राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ सोमवार से फिर शुरू हो रही है। ईडी ने सोनिया गांधी को 23 जून को पूछताछ के लिए बुला रखा है। सोनिया गांधी का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। आगे सोनिया गांधी को ईडी पूछताछ के लिए बुलाती है तो कांग्रेस का ईडी विरोधी मूवमेंट और लंबा खिंचेगा। कांग्रेस में अब अगले बड़े फैसले सोनिया-राहुल से ईडी पूछताछ के समय पर निर्भर करेंगे। आपको बता दें राहुल गांधी से ED की पूछताछ और कांग्रेस के विरोध को देखते हुए फिलहाल पार्टी ने सभी बड़े फैसले रोक दिए हैं। फिलहाल पार्टी का पूरा फोकस ईडी विरोध आंदोलन पर सिमट गया है। राजस्थान को लेकर होने वाले फैसले अब आगे के लिए टल गए हैं। राज्यसभा चुनावों के बाद मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों की सुगबुगाहट पर भी फिलहाल फुलस्टॉप लग गया है। पार्टी का फोकस पॉइंट बदलने से अब इन सबका फैसला बाद में होगा।
कांग्रेस मंत्रिमंडल में बदलाव पर फ़िलहाल विराम
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