प्रदेश की तीनों डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों ने बिजली उपभोक्ताओं को सटीक बिजली बिल देने के लिए हर मीटर पर क्यूआर कोड लगाने की तैयारी की है। इसका फायदा ये होगा कि मनमाने तरीके से बिल जारी करने की प्रवृत्ति घटेगी और उपभोक्ताओं को बेवजह परेशान नहीं होना होगा। एक क्यूआर कोड चस्पा करने पर 47 पैसे खर्च होंगे। हालांकि 10 किलोवॉट भार वाले और एचटी उपभोक्ता को इससे बाहर रखा गया है।
इन खामियों पर लगेगी रोक
- रीडर एक ही फोटो खींचकर कई उपभोक्ता के घर की मीटर रीडिंग नहीं दर्ज कर पाएंगे।
- उपभोक्ताओं का बिल गड़बड़ आने की समस्या दूर हो जाएगी।
- मीटर रीडर सब्सिडी के लिए 100 यूनिट के भीतर रीडिंग दर्ज कर देते हैं।
- क्यूआर कोड से सटीक मीटर रीडिंग होगी और 30 दिन का बिल आएगा।
- तीन महीने में प्रदेश के एक करोड़ से अधिक घरेलू और गैर घरेलू उपभोक्ताओं के मीटर में इसे लगा दिया जाएगा।
- मीटर वाचक को भी उपभोक्ता से बिल मांगने या उसके घर में मौजूद नहीं होने पर किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। वह सिर्फ क्यूआर कोड स्कैन करेगा और मौके पर ही बिल निकालकर उपभोक्ता को देगा।
- कंपनी के अफसर भी निरीक्षण के दाैरान उपभोक्ता से बिल नहीं मांगेंगे। क्यूआर कोड स्कैन करने पर उपभोक्ता की सारी जानकारी उनके सामने होगी।