एल्गिन हॉस्पिटल में उस वक्त हड़कंप मच गया। जब सोमवार रात 3 बजे अचानक ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो गई। जिसके बाद डॉक्टरों की सूझबूझ से 30 नवजात बच्चों की जान बच गई। अस्पताल अधीक्षक डॉ आरके खरे के मुताबिक ड्यूटी डॉक्टरों के द्वारा एसएनसीयू में ऑक्सीजन लेवल कम आ रहा था। जिसके बाद टेक्निकल टीम को बुलाया गया। मौके पर पाया गया कि मुख्य ऑक्सीजन सिलेंडर के वॉल्व से छेड़छाड़ की गई थी। मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम गठित की गई है। टीम में शामिल डॉ. ममता गुप्ता, मीना जैन, रश्मि भटनागर व पल्लवी लोदे हर बिंदु पर जांच कर 1 सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देंगी।
इधर घटना के बाद अस्पताल अधीक्षक के निर्देश पर शाम को ऑक्सीजन सप्लाई यूनिट के ताले को बदलने के साथ यूनिट के बाहर एक सीसीटीवी कैमरा भी लगा दिया गया हैं। एक कर्मचारी को यूनिट के बाहर सतत निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। मामले पर अस्पताल प्रबंधन एफआईआर दर्ज कराएगी। वहीं जांच टीम की रिपोर्ट आने के बाद दोषी के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया हैं। जिससे भविष्य में इस तरह की घटना को दोबारा अंजाम न दिया जा सके।
इन बिंदुओं पर होगी जांच
- सिलेंडर वाल्व में तकनीकी खराबी तो नही थीं। जिसकी संभावना न के बराबर बताई जा रही हैं।
- वाल्व बदलने के दौरान हॉस्पिटल के कर्मचारी को मौजूद रहना चाहिए। लेकिन कोई भी कर्मचारी वहां मौजूद नहीं था।
- सिलेंडर बदलने वाले कर्मचारी ने जल्दबाजी में चूड़ी ढीली तो नही छोड़ दी।
- घटना के दौरान सिलेंडर कक्ष की चाबी किसके पास थी।
- कहीं ड्यूटी कर्मचारी भी संलिप्त तो नहीं। प्रतिदिन कर्मचारी बदलने से अस्पताल प्रबंधक कर्मचारी का नाम भी पता नहीं कर पा रहा हैं।
- दो दिन पहले हुए ठेकेदार व आउटसोर्स कर्मियों के विवाद के कारण खुन्नस में तो कहीं आउटसोर्स कर्मियों द्वारा घटना को अंजाम नहीं दिया गया।