श्रदा के किए 35 टुकड़े, 18 दिनों तक रखा फ्रिज में, आधी रात को फेंक आता था जंगल में
नई दिल्ली। महरौली का यह सनसनीखेज केस लव, धोखा और बेरहमी से किए गए मर्डर का मामला है। आरोपी आफताब अमीन ने श्रद्धा के शव के आरी से 35 टुकड़े किए, उन टुकड़ों को 18 दिनों तक फ्रिज में रखा और आधीरात को उठकर आरोपी आफताब श्रद्धा के शरीर के टुकड़ों को महरौली के बियाबान जंगल में फेंक आता था।
दिल्ली पुलिस का दावा है कि लगभग छह महीने पुराने महरौली थाना क्षेत्र के सनसनीखेज मर्डर केस को सुलझा लिया है। इस मर्डर केस में हत्यारे ने मुंबई की एक लड़की को पहले प्यार की जाल में फंसाया, उसे दिल्ली ले गया और फिर उसके बाद उसकी इस बेरहमी से हत्या की कि जिसने भी इस मर्डर के बारे में सुना, उसकी रूह कांप गई। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, मई 2022 में हुए एक कत्ल का खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि आफताब अमीन पूनावाला नामक शख्स शादी का झांसा देकर कॉल सेंटर में काम करने वाली महिला सहकर्मी श्रद्धा वाकर को मुम्बई से दिल्ली लेकर आया था। जब श्रद्धा ने आरोपी पर शादी के लिए दबाव बनाया तब आफताब ने उसकी हत्या कर शव के 35 टुकड़े कर उन्हें दिल्ली के अलग-अलग ठिकानों में फेंक दिया, ताकि उसे पापों का खुलासा न हो सके। लंबी गहन छानबीन के बाद आखिर पुलिस ने इस सनसनीखेज मर्डर केस में जिस शख्स को पकड़ा है, उसका नाम आफताब अमीन पूनावाला है। महाराष्ट्र के पालघर की रहने वाली 26 वर्षीय श्रद्धा वाकर मुम्बई के मलाड इलाके में स्थित बहुराष्ट्रीय कम्पनी के कॉल सेंटर में नौकरी करती थी, जहां श्रद्धा की मुलाकात आफताब अमीन से हुई। यहीं से दोनों एक-दूसरे के करीब आए और वे लिव-इन रिलेशन में रहने लगे। श्रद्धा के परिवार के लोगों ने जब दोनों के रिश्तों पर एतराज जताया, तब श्रद्धा और आफताब ने अचानक मुम्बई को छोड़ दिया। बाद में पता चला कि वे महरौली के छतरपुर इलाके में रह रहे हैं। किसी न किसी माध्यम से श्रद्धा के पिता विकास वाकर बेटी की जानकारी लेते रहते थे, लेकिन मई महीने के बाद से उसके बारे में उन्हें कुछ भी पता नहीं लग पा रहा था। उसका मोबाइल भी सम्पर्क में नहीं मिला। किसी अनहोनी की आशंका में 8 नवंबर को श्रद्धा के पिता सीधे छतरपुर स्थित उस फ्लैट में गए, जहां बेटी किराये पर रहती थी। फ्लैट में ताला बंद होने के बाद विकास ने महरौली थाने में पहुंचकर पुलिस को अपहरण की सूचना दी और एफआईआर दर्ज कराई।
ऐसे हुई श्रद्धा और आफताब की मुलाकात
आफताब और श्रद्धा की दोस्ती मुंबई में एक कॉल सेंटर में काम करने के दौरान हुई थी। दोनों की यह दोस्ती प्यार में बदल गई। इसके बाद परिवार का विरोध करने पर दोनों भागकर दिल्ली आ गए। श्रद्धा के परिवार वाले सोशल मीडिया के जरिए उसकी जानकारी लेते रहते थे। लेकिन जब सोशल मीडिया पर अपडेट आना बंद हो गया तब श्रद्धा के परिवार वालों को शक हुआ। इसके बाद लड़की के पिता दिल्ली पहुंचे। बेटी के नहीं मिलने पर दिल्ली पुलिस को शिकायत की।
दिल्ली पुलिस का खुलासा
दिल्ली पुलिस टेक्निकल सर्विलांस की मदद से आफताब की तलाश में जुट गई थी। पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर आफताब को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आफताब ने बताया कि श्रद्धा उस पर लगातार शादी का दबाव बना रही थी। इसको लेकर उनके बीच में अक्सर झगड़े होते थे। इसके बाद उसने मई में उसकी हत्या कर दी। आफताब ने श्रद्धा के शव के टुकड़े कर महरौली के जंगलों में ठिकाने लगाया था। पुलिस के मुताबिक आरोपी आफताब ने श्रद्धा के शव के करीब 35 टुकड़े किए थे। वह एक फ्रिज खरीद कर लाया और शव के टुकड़ों को उसमें रखा। आफताब करीब 18 दिन तक लाश के टुकड़ों को ठिकाने लगाता रहा। वह उन टुकड़ों को महरौली के जंगलों में फेंकता था। इसके लिए वह आधी रात ही घर से निकलता था।