बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन कल यानि मंगलवार 11 अक्टूबर को होने वाले महाकाल लोक के लोकार्पण के लिए पूरी तरह से सजकर तैयार है। प्रथम चरण के कार्यों ने इस नगरी को एक नई आभा से सराबोर कर दिया है। काल की गणना जिस स्थान से होती है, उसका स्वरुप अब बदल गया है। नक्काशीदार मूर्तियां, रंग-बिरंगी रोशनियों की चकाचौंध महाकाल लोक के गौरवशाली वैभव को बढ़ा रही हैं,महाकाल लोक… शिव का अद्भुत, अकल्पनीय और अलौकिक संसार। महाकाल के आंगन के विस्तार के बाद जो भव्य और सुंदर दृश्य सामने आए, उसे हम महाकाल लोक के नाम से जानेंगे। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे देश को समर्पित करेंगे। दिव्यता, भव्यता और आध्यात्मिकता के इस संगम ने 4 साल की मेहनत के बाद आकार लिया है। पहले फेज के बाद अब दूसरे फेज का काम होगा।पूरे महाकाल लोक (फर्स्ट फेज) में 15 हजार टन राजस्थानी पत्थर लगाया गया है। महाकाल लोक पहले चरण में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से 4 गुना बड़ा है। दूसरे चरण का काम पूरा होने के बाद यह 9 गुना बड़ा हो जाएगा आपको पूरे कैंपस को घूमने और दर्शन के लिए 4 से 5 घंटे का वक्त लगेगा।
महाकालेश्वर मंदिर में बढ़ती भीड़ को देखते हुए राज्य सरकार ने 5 साल पहले इसकी सैद्धांतिक सहमति दी। तब ये योजना 300 करोड़ रुपए की थी।
मंथन के बाद महाकाल परिसर के साथ रुद्रसागर तालाब को सजाने का प्लान तैयार हुआ। तय हुआ कि दो अलग-अलग फेज में विस्तार किया जाएगा। 2017 से 2018 में प्रोजेक्ट के लिए 870 करोड़ रुपए का बजट मंजूर कर DPR और टेंडर निकाला गया। इसके बाद यहां मूर्तियां, म्यूरल के साथ परिसर को सजाने का काम शुरू हुआ। इसके लिए खासतौर पर राजस्थान का बंसी पहाड़पुर पत्थर बुलवाया गया।