महाराष्ट्र के सत्ता संघर्ष का मामला आखिरकार संवैधानिक बेंच को भेज दिया गया है। अब इस मामले पर 5 जजों की बेंच सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र के हालिया राजनीतिक संकट से जुड़े उन पांच लंबित मामलों पर सुनवाई कर रही है, जिसके चलते राज्य की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी,पिछली सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि हमारे ऊपर अयोग्यता का आरोप गलत लगाया गया है। हम अभी भी शिवसैनिक हैं। उधर, सुप्रीम कोर्ट में उद्धव ठाकरे गुट की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि शिंदे गुट में जाने वाले विधायक संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत अयोग्यता से तभी बच सकते हैं, अगर वो अलग हुए गुट का किसी अन्य पार्टी में विलय कर देते हैं। उन्होंने कहा था कि उनके बचाव का कोई दूसरा रास्ता नहीं है,देश की शीर्ष कोर्ट सत्ता संघर्ष का मामला आखिरकार संवैधानिक बेंच को भेज दिया गया है। अब इस मामले पर 5 जजों की बड़ी बेंच सुनवाई करेगी। इसलिए, इस मामले में फैसला लंबित होने की संभावना है। उधर, चुनाव आयोग की सुनवाई को भी सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन के लिए स्थगित करने का आदेश दिया है,अब शिवसेना पर अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को फिर सुनवाई हुई। CJI एनवी रमना, जस्टिस कृष्णा मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली ने शिंदे की शिवसेना बनाम उद्धव की शिवसेना केस को संविधान पीठ को भेज दिया है। तीन जजों की बेंच ने 8 सवाल तैयार किए हैं, जिसके आधार पर संविधान फैसला करेगी कि शिवसेना किसकी है।
शिवसेना किसकी-अब सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ करेगी फैसला
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